नम आंखों से महिलाओं ने मां को लगाया सिंदूर, चढाया भोग
प्रयागराज। दो साल बाद दुर्गा पंडालों में बुधवार को धूमधाम से सिंदूर खेला हुआ। कोरोना के चलते पूजा पंडालों में बीते वर्षों में सिंदूरा खेला प्रभावित रहा था। लेकिन इस बार मां दुर्गा की विदाई से पहले पूरे उत्साह के साथ महिलाएं सिंदूर खेला किया। दुर्गा पूजा महोत्सव में डूबी संगम नगरी में पूजा समापन के बाद भक्तों ने बुधवार को धूमधाम से जगत जननी मां दुर्गा को विदाई दी। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। हर किसी में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा था, लेकिन मन में किसी के खोने का गम भी। शारदीय नवरात्र की दशमी पर दुर्गा पूजा पंडालों से मां दुर्गा की विदाई हुई। भक्तों ने सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां का पूजन कर उनकी आरती उतारी। विशेष रूप से बंगाली समाज के लोगों ने अपने पारम्परिक ढंग से मां दुर्गा को विदाई दी। समाज की महिलाओं ने बंगाली साड़ी, बिंदी आदि लगाकर पूरे वेशभूषा में पंडाल में मां की प्रतिमा के आगे सिंदूर खेला। उसके बाद बैंडबाजे, डीजे की धुन पर थिरकते हुए मां को ससुराल तक पहुंचाने के लिए निकल पड़े। विसर्जन के समय लोगों की आंखें मां से बिछड़ने की सोचकर नम हो गई। हर कोई मां से अगले बरस जल्दी आने की कामना करते हुए घर को लौटा।