उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग में अपार संभावनाएं हैं और यहां तक कि विदेशी कंपनियां भी इन अवसरों को पहचान रही हैं। भारत का रक्षा उद्योग निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में निरंतर प्रगति कर रहा है। एक बयान में सिंह के हवाले से कहा गया, पहले निजी क्षेत्र के लिए रक्षा उद्योग में प्रवेश का कोई रास्ता नहीं था, यदि ऐसी कुछ संभावना होती भी तो उद्योग विभिन्न कारणों से रक्षा क्षेत्र में पैर जमाने के लिए तैयार नहीं था। उन्होंने इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी, प्रवेश को सुगम बनाने के लिए उचित नीति की कमी और अधिक निवेश की जरूरत जैसे बिंदुओं को जिम्मेदार बताया। सिंह ने कहा कि सरकार ने इन अवरोधकों को दूर किया और निजी क्षेत्र के लिए इसे सुगम बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने पुराने तौर तरीकों को बदलने और विनिर्माण का ऐसा माहौल बनाने के लिए ह्यमेक इन इंडियाह्ण और ह्यआत्मनिर्भर भारतह्ण पहलों के तहत कई कदम उठाए हैं जिससे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र इसमें हिस्सेदारी कर सकें।
भारतीय रक्षा उद्योग नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए नए निवेश करे : राजनाथ
नई दिल्ली। भारतीय रक्षा उद्योग में अपार संभावनाएं हैं और यहां तक कि विदेशी कंपनियां भी इन अवसरों को पहचान रही हैं। भारत का रक्षा उद्योग निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में निरंतर प्रगति कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को भारतीय रक्षा उद्योग से कहा कि नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए वह नए निवेश करे और अनुसंधान पर ज्यादा जोर दे। पीएचडी चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 117वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, नए निवेश कीजिए, अनुसंधान तथा विकास पर और जोर दें और भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिए पूरी क्षमता का उपयोग करें। आपके ये प्रयास न केवल रक्षा उद्योग के लिए बल्कि देश की वृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे।