गोरखपुर। राप्ती नदी के उफनाने से शहर के बंधों पर भी दबाव बढ़ गया है। शहर क्षेत्र में जलभराव का संकट खड़ा हो गया है। ग्रीन सिटी क्षेत्र से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पंपिंग सेट लगा है, लेकिन पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहा है। जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को जनपद के बोर्ड एवं परिषद के नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे। जिला प्रशासन ने यह निर्णय जिले में भारी बारिश के बाद जलभराव का संकट होने के कारण दिया है। राप्ती नदी के उफनाने से शहर के बंधों पर भी दबाव बढ़ गया है। शहर क्षेत्र में जलभराव का संकट खड़ा हो गया है। ग्रीन सिटी क्षेत्र से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पंपिंग सेट लगा है, लेकिन पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहा है। अब गोरखनाथ क्षेत्र से आने वाला पानी नहीं निकल पाएगा। सब ग्रीन सिटी क्षेत्र में जमा होगा। घर, स्कूल व कॉलेज में पानी घुस जाएगा।
गोरखपुर से होकर छह नदियां बहती हैं, जिनमें से पांच खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राप्ती, रोहिन, सरयू और कुआनो खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। सोमवार शाम चार बजे तक गोर्रा नदी ने भी खतरे के निशान को छू लिया। देर रात तक इसका जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया। आमी नदी भी उफनाई है। हालांकि, आमी नदी का जलस्तर नहीं मापा जाता है। राप्ती, रोहिन, सरयू, कुआनो और गोर्रा नदी से जुड़े कई गांव हैं, जिनका संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है। ऐसे गांवों में लोगों की मदद के लिए करीब 67 नावें लगाई गई हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। करीब 2849 हेक्टेयर फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है।