साफ सफाई और पूरा ध्यान, बचाए डायरिया से जान
ललितपुर। यूं तो पेट खराब होने से दस्त लगना एक आम बात हैढ्ढ परंतु गभीर परिस्थिति में यह जानलेवा हो सकता है। खासतौर से जब बात छोटे बच्चो की होढ्ढ बच्चो में दस्त या डायरिया बड़ों के मुकाबले कई गुना ज्यादा घातक होता है। (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलोजी एंड इन्फोर्मशान) एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार पाँच वर्ष के बच्चों की मृत्यु में लगभग 13 प्रतिशत बच्चों की मौत का कारण डायरिया होता है। डायरिया होने के मुख्य कारणों मेंसे एक है गंदे हाथों को मुंह में डालना या उससे कुछ खाना। यह कहना है सीएमओ डा.जे.एस.बक्शी का।
उन्होंने बताया कि यदि पतले दस्तों के साथ आँव या खून आने लगे तो इसे डिसेंट्री या पेचिस कहते हैंढ्ढ पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 30 से 50 लाख बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होते हैं एवं दो लाख बच्चे डायरिया की चपेट में आकर अपनी जान भी गँवा देते हैं। भारत में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख बच्चे डायरिया से होने वाले निर्जलीकरण यानि कि पानी कि कमी हो जाने के कारण अपनी जान गँवा देते हैं। डा.बक्शी ने बताया कि पाँच वर्ष तक के बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु का एक मुख्य कारण हाथो की साफ सफाई न रखना है। अक्सर देखने में आता है कि बच्चों के साथ साथ अधिकतर माताएं भी हाथ की सफाई का ख्याल नहीं रखती। गंदे हाथो से ही बच्चों को खाना खिला देती हैं। जिस कारण बच्चों के पेट में संक्रमण की वजह से दस्त लग जाते हैं। माताओं को हाथों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाना बनाते वक्त एवं बच्चों को खाना खिलाते वक्त उन्हे अपने हाथ साबुन अथवा हेंडवॉश से अवश्य धोने चाहिए। क्वालिटी एश्योरेंस के जिला परामर्शदाता डा.तारिक अंसारी ने बताया कि साबुन से हाथ धोने से डायरिया जैसी बीमारियो में 30 प्रतिशत तक और हाथ की गन्दगी से होने वाले संक्रमण विशेष रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। साबुन से हाथ धोने के विशेष लाभों को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया है।
रखे इन बातों का ध्यान
कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सौरभ सक्सेना ने बताया कि माताएं रखे साफ सफाई का ध्यान, कोई काम करने के बाद हाथों को अवश्य धोएं। खासतौर पर खाना बनाते एवं बच्चों को खिलाने से पहले हाथो को स्वच्छ पानी एवं साबुन से अवश्य धोएं। बच्चों को खाना खिलाने वाले बर्तन, दूध की बोतल आदि की स्वच्छता का ध्यान रखे। बड़े बच्चों में हाथो की साफ सफाई बनाए रखने की आदत डाले। खेल के आने के बाद, खाने से पहले बच्चों को साबुन से हाथ धोना अवश्य सिखाएँ।
बच्चों में दस्त होने पर इन लक्षणों पर अवश्य दे ध्यान
पेट में ऐंठन या ऐंठन होना, मतली और उल्टी, बुखार, निर्जलीकरण, भूख में कमी पर ध्यान देना चाहिए।
डायरिया होने पर अपनाए इन घरेलू उपायों को
उपलब्धता के आधार पर बच्चों को डबल्यूएचओ ओआरएस का घोल पिलाएँ। घर पर ओआरएस का घोल दो चम्मच शक्कर और चुटकी भर नमक और नींबू की कुछ बूंदे मिलकर बच्चे को पिलाएँ। दस्त की स्थिति में बच्चे को नारियल पानी पिलाना भी फायदेंमंद साबित होगा, अत: बच्चे को कच्चे नारियल का पानी पिलाएँ जिससे उसे पोषक तत्व मिल सके। दाल का पानी, चावल का मांड, दही केला आदि भी बच्चे को दिया जा सकता है। परिस्थिति गंभीर होने पर बच्चे को तुरंत किसी निकतम डॉक्टर के पास जांच के लिए लेकर जाएँ।