राकेश केसरी
कौशाम्बी। सहालग शुरू होते ही गेस्ट हाउसों में डीजे का शोर शुरू हो जाता है। हालत यह है कि प्रशासन के नियमों को ताक में रखकर देर रात तक डीजे की धुनों पर युवा थिरकते देखे जा सकते हैं। प्रशासन द्वारा गेस्ट हाउस मालिकों को निर्देश है कि रात 11 बजे के बाद डीजे का शोर हर हालत में बंद हो जाना चाहिए। यह निर्देश हर गेस्ट हाउस की दीवाल पर लिखा हुआ है। इसके बावजूद इन नियमों की धज्जियां उड़ायीं जाती हैं। शादी समारोह में रात्रि 1 बजे तक डीजे का शोर सुनायी देता है। शोर के चलते गेस्ट हाउस के पड़ोस में रहने वाले आम लोग परेशान होते ही हैं, साथ में शादी समारोह में शामिल होने वाले लोगों को भी परेशानी होती है लेकिन युवा वर्ग मस्त होकर डीजे की धुनों पर थिरकते हुए देखे जा सकते हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डाक्टर दीपक सेठ का कहना है कि मनुष्य के अधिकतम सुनने की सामर्थर्य नब्बें डेसीबिल है लेकिन डीजे में सौ व एक सौ दस डेसीबिल के आसपास ध्वनि निकलती है। उनका कहना है कि इससे निकलने वाली तरंगों से कई तरीके की बीमारियां पैदा हो जाती हैं। हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को ज्यादा देर डीजे के सामने नहीं बैठना चाहिए वहीं श्रवण क्षमता का भी हृास होता है। वहीं लक्ष्मी गेस्ट हाउस सिराथू के आसपास रहने वाले लोगो का कहना है कि गेस्ट हाउस के पास मकान होने से सहालग भर रात में एक बजे के बाद ही सो पाते हैं। उनका कहना है कि डीजे व बैंडबाजों की धुनों ने जीना नरक कर दिया है। अवधेश का कहना है कि गेस्ट हाउस के सामने मकान बनवाकर ही पछता रहे हैं। रात को बजने वाले डीजे से परेशानी होती है। वही गेस्ट हाउस संचालको का कहना है कि जिला प्रशासन के नियम का पूरी तौर से हम लोग पालन कर रहे हैं। 11 बजे के बाद कहीं भी डीजे बजता नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि पार्टी डीजे खुद बुक करती है उसमें हम लोगों की कोई भूमिका नहीं होती है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी सिराथू विनय कुमार गुप्ता का कहना है कि नियम का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। यदि कोई शिकायत है तो गेस्ट हाउस की निगरानी करायी जायेगी।