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सिर्फ कागजों में निकल गया यातायात माह नवम्बर

Wednesday, November 30, 2022

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र

ट्रैफिक पुलिस लोगों को नियमों के प्रति नहीं कर सकी जागरूक

ललितपुर। यातायात के लिए खास नवंबर को माना जाता है, लेकिन इस माह में जिम्मेदार बेपरवाह नजर आये। न कहीं नियमों का पालन करने पर जोर दिया गया और न ही जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये गये। यहां तक कि कोई प्रचार-प्रसार भी नहीं। पुराने ढर्रे पर ट्रैफिक व्यवस्था तो शहर की सड़कों पर क्यों न लगे जाम। पुलिस यातायात विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में नवंबर को यातायात जागरुकता माह के रूप में मनाया जाता है। पूरे माह ट्रैफिक सिस्टम चौकस दिखता है। विद्यालयों में गोष्ठियों के जरिए बच्चों को यातायात नियमों के बारे में जानकारियां दी जाती हैं। सड़क किनारे लगने वाले शिविरों से राहगीरों को आभास हो जाता है कि यह नवंबर का महीना है, लेकिन इस बार शहर में मानों ट्रैफिक पुलिस को भी कोई दिलचस्पी ही नहीं है। कलर फिल्म वाले वाहन सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। बाइक पर तीन सवारी का चलन हो गया है। यहां तक कि युवा पुलिस कर्मी भी नियमों की धज्जियां उड़ाने से नहीं चूक रहे हैं। नो इंट्री में भी भारी वाहनों का प्रवेश धड़ल्ले से जारी है। वहीं सड़कों पर अतिक्रमण कोढ़ में खाज बना हुआ है। ऐसे में शहर की सड़कें जाम से कराह रही हैं। देवगढ़ मार्ग अतिव्यस्त मार्ग है। अतिक्रमण के चलते सदनशाह चौराहे से लेकर देवगढ़ रोड जुगपुरा तक की सड़क काफी धूल-धक्कड़ और व्यस्त ट्रैफिक से लोगों को परेशानियां हो रहीं हैं। वहीं घण्टाघर मैदान में बीच रोड पर ही ठेला खोमचा के अलावा दुकानों के सामने बड़ी-बड़ी गाडिय़ां खड़ी रहती हैं। फुटपाथ पर अवैध कब्जा होने के चलते मोटर साइकिलें सड़क पर खड़ी होती है, लेकिन जिम्मेदारों की नजर इन पर नहीं पड़ती। विभाग की अधिकांश ऊर्जा चलते-फिरते स्टैंडों के सुचारु संचालन में खप रही है। आलम यह है कि कलेक्ट्रेट से लेकर पुलिस ऑफिस के सामने से विद्यालय के बच्चे और बिगड़ैल वाहन चालक धड़ल्ले से फर्राटा मारते हुये देखे जा सकते हैं।

जागरूकता कार्यक्रम बिना निकला यातायात माह

इस मर्तबा यह पहली बार हुआ होगा कि यातायात माह नवम्बर आमजन के बीच बिना किसी जागरूकता कार्यक्रम के गुजर गया। क्योंकि पहले के वर्षों में शिविरों का आयोजन किया जाता रहा है, लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक कराते हुये सख्ती से पालन करने की हिदायत दी जाती थी। लेकिन इस बार इस प्रकार के आयोजन देखने और सुनने से आमजन वंचित रहे।

मोबाइल हाथ में लिये ट्रैफिक कर्मियों से डर लगता है साहब

आधुनिकता बढऩे के साथ ही अब बिना किसी को रोके टोके ही मोबाइल से फोटो खींच कर गाड़ी का चालान कर दिया जाता है। इससे वाहन चालक को भी मैसेज के जरिए ही पता चलता है कि उसका चालान कट गया है। ऐसे में लोगों को नियमों के प्रति जागरूक करने की जहमत कोई नहीं उठाना चाहता। ऐसे में आमजन तो यही कहते नजर आते हैं कि मोबाइल हाथ में लिये ट्रैफिक कर्मियों से लगता है डर।

यातायात पुलिस ने किया पेश किया ब्यौरा

माह नवम्बर गुजरने के साथ ही यातायात पुलिस द्वारा एक डाटा तैयार कर प्रस्तुत किया गया है। सोशल मीडिया सेल प्रभारी द्वारा उपलब्ध कराये गये डाटा के अनुसार यातायात माह नवम्बर में कुल 7554 वाहनों के चालान काटे गये, जिनमें 222800 रुपये का नकद जुर्माना वसूला गया, जबकि 7656000 का जुर्माना बकाया बताया गया है। डाटा के अनुसार हेलमेट के 3111, तीन सवारी के 1175, सीट बेल्ट के 805, नो-पार्किंग के 808, बिना ड्राईविंग लाइसेंस के 378, ओवर स्पीड के 157 व बिना नम्बर प्लेट के 252 चालान काटे गये हैं।

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