राकेश केसरी
कौशाम्बी। ग्राम्य की खेल प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए पश्चिम शरीरा में स्टेडियम का निर्माण कराया गया लेकिन देखरेख के अभाव में यह स्टेडियम अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में नाकम साबित हो रहा है। स्टेडियम में जल भराव की स्थिति खिलाडियों के लिए दुखद है। उससे भी दुखद स्थिति शौचालय के चारों ओर लगा कूड़े का ढेर हैं। इस कूड़े के ढेर को जब पानी का साथ मिल जाता है तो उससे उठने वाली दुर्गन्ध स्टेडियम में जाने वालों के लिए असहज हो जाती है। क्षेत्र वासियों का कहना है कि यदि स्टेडियम का सही रख.रखाव हो, उचित सुविधाएं उपलब्ध हों तो ग्राम्य अंचल में पलने वाली प्रतिभाओं के अरमानों पर भी पंख लग सकते हैं। वे भी सोहरत की बुलंदियों का छू सकते हैं।