राकेश केसरी
जिलें में यमुना नदी पर अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। जबकि प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। बताते चले की बीते साल बालू माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर यमुना नदी से बालू का अवैंध खनन कर यूपी के सुदूर क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा था। जिस पर जिलें के एक व्यक्ति ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट कर दिया था। जिसके बाद न्यायालय ने अवैंध बालू खनन की जांच सीबीआई को सौप दी थी। जिससे कुछ दिनों तक बालू खनन पर पाबन्दी रही। यूपी सरकार के निर्देश पर जिले के घाटो का ई.टेंण्डर चार वर्ष पूर्व में हुआ। वही वैंध घाटो की आड़ में इन दिनों फिर से बालू का अवैंध खनन जोरो पर है। कारोबारी अपने काले कारोबार में सफल है। बालू खनन पर रोक लगने से जहां कारोबारियों की चांदी ही चांदी है वही आम आदमी को काफी परेशानी हो गई है। जबकि अवैंध खनन से यमुना नदी के कई घाटो पर तटबंधों को टूटने का खतरा बढ़ चुका है। जिससे आने वाले दिनो में कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते है।