इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
ललितपुर। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आज जल सरंक्षण अभियान कार्यक्रम का ओयाजन किया गया। इसमें प्रभारी डा.सरिता देवी ने किसानों को जल संरक्षण के माध्यम से जल के फिर से प्रयोग उपयोग, ड्रिप सिंचाई तकनीक के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पानी की बचत घरेलू स्तर पर भी करें एवं जगह के अनुसार ऐसी फसल का चुनाव करें जिसेे कम पानी मेें पैदावार की जा सके, जिससे पानी की बचत हो। सस्य वैज्ञानिक डा.दिनेश तिवारी ने जल संरक्षण से संबंधित किसानों को जागरूक किया। सभी से अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने पर जोर दिया। सिंचाई की छिड़काव विधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बहुत सारे राज्यों में इस तरह की समस्या आने पर केन्द्र सरकार ने मुद्दे की महत्ता को समझते हुए एक नयी योजना की शुरूआत की है। जिसका नाम जल शक्ति अभियान है। इस कार्यक्रम को सभी लोग समझें और अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए जल संरक्षण की दिशा में अपना योगदान दें। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डा.एन.के.पाण्डेय ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण का लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बारिश के मौसम में जितना हो सके जल संग्रह के तहत अपने गांव या खेतों में रिचार्जिंग की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। पशुपालन वैज्ञानिक, डा.मारूफ अहमद ने बतया कि पृथ्वी पर 98 प्रतिशत जल खारा है, केवल 2 प्रतिशत जल शु़द्ध है उसमें भी 1 प्रतिशत जल बर्फ के रूप में है और 1 प्रतिशत जल केवल हमारे उपयोग के लिए उपलब्ध है। इसलिए जरूरी है फसलों की सिंचाई में स्ंिपगकलर और ड्रिप की विधियों से फसलों की सिंचाई करें जिससे जल की बचत होती और उत्पादन भी अच्छा होता है। पादप सुरक्षा वैज्ञानिक डा.एन.के.यादव ने किसानों को जल शक्ति अभियान के उद्देश्य के बारे में बताया। नीति आयोग के आंकड़ों, वाटर शेड के निर्माण तथा पीने के लिए स्वच्छ जल के उपयोग के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। इस दौरान पप्पू, शिवराज, बृजलाल, रामदास, सुमन, मोरबाई एवं रीना सहित अनेकों कृषकों एवं कृषक महिलाओं ने प्रतिभाग किया।