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तप और साधना में ही आनंद की अनुभूति : सुधासागर

Thursday, November 3, 2022

/ by Today Warta



इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र

अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनिश्री ने दी श्रावको को सीख

ललितपुर। निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते कहा कि साधना का मार्ग अत्यंत  कंटकाकीर्ण है। साधू सुख के अभाव में अपनी तपस्या और साधना में लीन रहकर आनंद की अनुभूति करता है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिनो दिन तपश्चरण करता है। मुनि श्री ने भगवान महावीर की साधना को उत्कृष्ठ  वताते हुए कहा जैन दर्शन में जो मार्ग बताया है उसकी निरंतरता में ही आनंद है। अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्रपाल मंदिर में मुनि सुधासागर महाराज ने तप और साधना को विस्तार से बताते हुए कहा श्रावक साधना करता है गुरूओं के सानिध्य में रहकर अपनी साधना को उत्कृष्ठ करने के लिए धर्म मार्ग पर चलता है। उन्होने कहा एक साधक धर्म मार्ग और साधना में आनंद मानता है जो इस मार्ग में चलने के पहले ही विचलित हो गया वह इस सुख से वंचित रह जाता है।  आज प्रात:काल धर्मालुजनों ने भगवान अभिनंदन नाथ का अभिषेक किया इसके उपरान्त प्रभु की शान्तिधारा मुनि श्री मुखारविन्द से हुई जिसका पुण्र्याजन करने का सौभाग्य पुण्र्याजक परिवार को मिला। इसके उपरान्त श्रावक श्रेष्ठी परिवरजनों ने आचार्य श्री के चित्र का अनावरण दीपप्रज्जवलन किया तथा मुनि श्री का पादप्रक्षालन कर आर्शीवाद प्राप्त किया। पर्वराज अष्ठान्हिका महापर्व पर प्रतिष्ठाचार्य सुरेश चंद जैन के मार्गदर्शन एवं मुनि सुधासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में सिद्धों की आराधना सिद्धचक्र महामण्डल विधान में  आज तीसरे दिन इन्द्र इन्द्राणी भक्ति पूर्वक अर्घ समर्पित कर रहे हैं।

पाश्र्वनाथ समोशरण मंदिर में वेदिका प्रतिष्ठा कल

श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन समोशरण मंदिर के प्रबंधक कैलाश सराफ एवं सुवोध जैन मडावरा ने बताया कि मुनि सुधासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में 5 नबम्बर से श्री मज्जिनेन्द्र जिनबिम्ब वेदी प्रतिष्ठा  महामहोत्सव एवं विश्वशान्ति महायज्ञ का आयोजन प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया सुयश अशोकनगर के मार्गदर्शन में किया गया है। प्रात:काल 8 बजे ध्वजारोहण  वेदि शुद्धि एवं वेदी प्रतिश्ठा की मांगलिक क्रियाएं व मुनि श्री के मंगल प्रवचन होगे।

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