इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया रोस्टर, चिकित्सक हुए नियुक्त
ललितपुर। परिवार नियोजन की सुविधा को नियमित रूप से उपलब्ध कराने के मकसद से कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत महिला नसबंदी शिविर के दिन तय कर दिए गए हैं। विभाग ने नवंबर माह का रोस्टर जारी कर दिया है। कैंपों के तय दिवसों के आधार पर चिकित्सकों की तैनाती भी कर दी गई है। विभाग के रोस्टर के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मडावरा में मंगलवार, शनिवार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महरौनी में शुक्रवार, शनिवार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जखौरा में गुरुवार का दिन कैंप के लिए तय किया गया है। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरधा, तालबेहट, बार, व जिला महिला चिकित्सालय में प्रतिदिन नसबंदी की जाएगी। फिलहाल विभाग इन कैंपों के जरिए महिला नसबंदी पर फोकस किए हुए है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.जे.एस.बक्शी ने बताया कि छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा बिना पुरुष के अधूरी है। महिलाओं के साथ पुरुषों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। परिवार नियोजन कार्यक्रम में महिलाओं के साथ पुरुषों की सहभागिता को बढ़ाने के प्रयास विभाग की ओर से लगातार किए जा रहे हैं।पुरुष नसबंदी के लिए पंजीयन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है चिकित्सक की उपलब्धता के आधार पर दिन तय करते हुए सर्जरी कराई जाएंगी, जबकि महिला नसबंदी नियमित कर दी गई हैं। अभी तकसिर्फजिला चिकित्सालय में ही हर रोज नसबंदी होती थी, लेकिन अब बिरधा में शनिवार को छोड़कर प्रतिदिन व तालबेहट में केबल बुधबार और बार हर दिन नसबंदी की सेवा उपलब्ध रहेंगी। बचे हुए स्वास्थ्य केंद्रों पर दिन निर्धारित कर शिविर के माध्यम से नसबंदी की जाएँगी। इसके साथ ही परिवार नियोजन के अस्थाई साधन सभी जगह उपलब्ध हैं। कम्यूनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सौरभ सक्सेना ने बताया कि परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। इस संबंध में जिला अस्पताल समेत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार को सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के बारे में दम्पति को जागरूक किया जा रहा है। अस्पतालों में बास्केट ऑफ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि ड्ढदो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना, मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं। कस्बा बार निवासिनी आशा कार्यकर्ता गीता देवी ने बताया कि 28 अक्टूबर को बार निवासिनी 25 वर्षीय चंद्र वती ने नसबंदी कराई है, उनके दो लड़के हैं और अब वह आगे बच्चा नहीं चाहती हैं। इसी गांव की 28 वर्षीय रेवती 32 वर्षीय शीला ने भी परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाया है।
118 लोग अपना चुके हैं स्थायी साधन
मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक 118 लोगों ने स्थायी साधन यानि नसबंदी को अपनाया है, जिनमें 1 पुरुष और 117 महिलाएं हैं।