जबलपुर। प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय डा.रमेश साहू के न्यायालय ने पहली पत्नी से संतान न होने पर दूसरा विवाह करने वाले पति को भरण-पोषण राशि अदा करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि पहली पत्नी ई-बैंकिंग की सुविधा वाले किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में अपना बचत खाता खुलवाए। उसका विवरण पति को दे। इसके साथ ही पति प्रतिमाह पांच हजार रुपये भरण-पोषण राशि जमा करने बाध्य होगा। यदि प्रत्येक माह की 10 तारीख तक पांच हजार खाते में जमा नहीं किए गए तो पति को 500 रुपये अतिरिक्त जमा करने होंगे। मामले की सुनवाई के दौरान आवेदिका पत्नी प्रेम सागर, बसोर मोहल्ला, शीतलामाई वार्ड निवासी गायत्री की ओर से अधिवक्ता दीपक भट्ट ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 14 फरवरी, 2005 को आवेदिका का विवाह हिंदू रीति-रिवाज से चौधरी मोहल्ला, रांझी, मानेगांव निवासी रमेश कुमार के साथ हुआ था। विवाह के बाद दो वर्ष तक आवेदिका अपने पति को कोई संतान नहीं दे पाई। इसी बात को तूल देकर वह विवाद करने लगा। यही नहीं उसने मनमाने तरीके से निर्मला नामक महिला से दूसरा विवाह कर लिया। आवेदिका की ओर से अवगत कराया गया कि रमेश से विवाह के बाद कुछ माह सब कुछ ठीक रहा। लेकिन बाद में वह बात-बात पर झगड़ने लगा। दरअसल, उसके मन में पहले से निर्मला से दूसरा विवाह करने की इच्छा थी। इसीलिए वह बहाना खोज रहा था। संतान न होने को आधार बनाकर उसने अपनी मनमानी कर ली। वह आवेदिका को उसकी मां से मिलने वाली पेंशन की राशि का हिस्सा भी छीन लेता था। उसका रेखा व आरती नामक दो अन्य महिलाओं से भी अवैध संबंध होने की जानकारी मिलने पर आवेदिका ने विरोध किया तो इस पर भी उसने मारपीट कर दी थी