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गड़बड़ियां उजागर होने के बाद 39 राशन दुकानों का लाइसेंस निरस्त, स्वसहायता समूह करेंगे संचालन

Thursday, November 3, 2022

/ by Today Warta



भोपाल। शहर के खाद्य विभाग के 15 अधिकारियों पर एक साथ हुई निलंबन की कार्रवाई से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं कलेक्टर अविनाश लवानिया ने सभी 39 दुकानों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। अब इनका संचालन स्व सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। वहीं राशन घोटाले में शामिल अधिकारियों और दुकान संचालकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इन सभी दुकानों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के राशन वितरण में फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। इसका खुलासा खाद्य विभाग द्वारा कराई गई जांच में हुआ था। इन दुकानों का जिम्मा जिन अधिकारियों के पास था, उन्होंने इस तरफ कोई ध्यान तक नहीं दिया।

छह साल से जमी थीं नरवरिया, खुलासे से पहले किया तबादला

जिला आपूर्ति नियंत्रक ज्योति शाह नरवरिया पिछले छह साल से यहां पदस्थ थीं हाल ही में उनका तबादला कर दिया गया था इसके बाद राशन घोटाला उजागर हो गया। उनके छह साल के कार्यकाल में छह बड़े विवाद मामले सामने आए, जो कि चर्चा का विषय बन गए। इनमें गेहूं में मिट्टी, मंडी में सरकारी गेहूं-चावल पकड़ाना, विधानसभा-वल्लभ भवन के सामने राशन दुकान पर मंत्री द्वारा जांच में गड़बड़ी, खाद्य मंत्री द्वारा जांच में गड़बड़ी पाए जाना, शहर की राशन दुकानों में आधार कार्ड के नाम पर गड़बड़ी और फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के राशन में गड़बड़ी मिली।

इन दुकानों का संचालन करेंगे स्वसहायता समूह

शहर की चित्रांश महिला, इंडिया भंडार, आदर्श सर्वोपयोगी, रेणु महिला भंडार, भौंरी स्थित राशन दुकान, बैरागढ़ के बाबा गरीबदास की दुकान, न्यू जय भारत भंडार, नाजिया महिला, साई झूलेलाल, पूजा भंडार पंचशील नगर, जय श्री महिला शाहपुरा, आर्शीवाद, मोहनी शाहपुरा, महाकाली पंचशील नगर, जनता भंडार शब्बन चौराहा, नगीना भंडार भीमनगर, जोन आठ की न्यू किरण, शांति, मोदी अशोक, अराधना महिला, हंसा, दीपक, श्यामा प्रसाद, नितिन, प्रतिभा, राजेंद्र, सिस्टर निवेदिता, महात्मा, कमल, नम्रता, न्यू जनकल्याण, जय लक्ष्मी, एकता, मां वैष्णो देवी और शिवकृपा, रूबी महिला, यमुना, मोनिका और बुरहानी महिला प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार का अब स्वसहायता समूह संचालन करेंगे।

इस वजह से गिरी गाज

- सहायक आपूर्ति अधिकारी संतोष उइके के पास 10 दुकानों की जिम्मेदारी थी, उनकी जांच तक नहीं की।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी विनय सिंह के पास दुकानों का जिम्मा था, लेकिन भंडार में गड़बड़ी, पात्रों को राशन वितरण आदि अनियमिताएं रोक नहीं पाए।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रताप सिंह के पास भी शहरी इलाके की आठ दुकानों की निगरानी का जिम्मा था। लापरवाही बरतने पर निलंबन की कार्रवाई हुई।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सत्यपाल सिंह जादौन के पास उपभोक्ता भंडार की निगरानी का जिम्मा था, लेकिन इन दुकानों पर अनियमितताएं नहीं रोक सके।

- सहायक आपूर्ति अधिकारी दिनेश अहिरवार के पास सिर्फ तीन दुकानों की जिम्मेदारी थी। बावजूद इन्होंने लापरवाही बरती है।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एसएल गिल के पास छह दुकानों का जिम्मा था। इनकी जांच में भी गड़बड़ी मिली।

- सहायक आपूर्ति अधिकारी अनिल तन्तुवाय से उचित मूल्य दुकानों की जांच कराई गई थी। उनको भी दुकान में कोई भी अनियमितता नहीं मिली।

- सहायक आपूर्ति अधिकारी रायसेन राजेश खरे की जांच रिपोर्ट में भी बड़ी लापरवाही देखने को मिली। उन्होंने निरीक्षण में सिर्फ औपचारिकता की।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी इंदौर सौरभ जैन से दुकानों की जांच करवाई गई। दुकान में कोई अनियमितता पाया जाना प्रतिवेदित नहीं किया।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रतलाम अंकित हंस ने जांच में वहीं गलतियां कीं, जो दूसरे अधिकारियों ने की थी।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी राजगढ़ सुरेश गुर्जर को जांच दल में शामिल कर जांच का जिम्मा सौंपा। दुकान संचालकों को बचाने के लिए औपचारिकता की।


- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी विदिशा शरद पंचौली को टीम का प्रमुख बनाया था, लेकिन प्रतिवेदन में किसी भी अनियमितता होने की जानकारी नहीं दी गई।

- कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी नर्मदापुरम आशीष तोमर को जांच दल का सदस्य बनाया था। इन्होंने सिर्फ कागजी जांच ही की।

- सहायक संचालक अनिल तिवारी को जांच दल का प्रभारी बनाया गया था। इन्होंने जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकता की।

शहर की 39 राशन दुकानों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। इनका संचालन अब स्व सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। वहीं मामले में अब जल्द ही लापरवाहों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- अविनाश लवानिया, कलेक्टर, भोपाल

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