राजेंद्र प्रसाद मिश्रा
बारा प्रयागराज।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भले ही खनन माफियाओं पर अंकुश लगाने के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस की धनकमाऊ नीति सूबे के मुखिया के आदेशों की धज्जियाँ उड़ा रही है। थाने ही नहीं, इस अवैध गोरखधंधे में कई अधिकारियों की भी मिलीभगत से उक्त कारोबार धड़ल्ले से संचालित किया जा रहा है।उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला भले ही कमिश्नरेट हो गया है लेकिन तस्वीर अभी पहले जैसी ही है। क्षेत्र में खाकी की सरपरस्ती में न केवल अवैध कारोबारी ही फल-फूल रहे हैं,बल्कि इलाके के बिचौलिए अधिकारियों को खुशी का लिफाफा देकर अपनी धाक जमाये हुए हैं। बारा तहसील क्षेत्र के धरा, परवेजाबाद पहाड़ी से प्रतिदिन दो सौ से अधिक ट्रैक्टर सिलिका सैंड का अवैध परिवहन करते हैं जो रात के अंधेरे से संचालित होकर दिन के उजाले में भी अधिकारियों की सह पर छिपते-छिपाते बारा, लालापुर एवं शंकरगढ़ थाना क्षेत्रों से होते हुए शंकरगढ़ पहुंच जाता है।जिससे प्रतिदिन शासन को लाखों रुपए की राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है।प्रति ट्रैक्टर सात हजार रुपये से अधिक की वसूली होती है।
अचंभे की बात है कि एक तरफ जहां सूबे के मुख्यमंत्री गोरखधंधों पर विराम लगाने के निर्देश दिये हैं तो वहीं, बारा तहसील क्षेत्र के बारा कोतवाली में प्रति ट्रैक्टर दो हजार रुपये, लालापुर म् प्रति ट्रैक्टर डेढ़ हजार रुपये, एनटीपीसी में प्रति ट्रैक्टर डेढ़ हजार रुपये और शंकरगढ़ थाने में सर्वाधिक तीन हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर वसूली की जाती है। क्षेत्र के धरा, परवेजाबाद, सहित क्षेत्र के लालापुर, शंकरगढ़ में रहने वाले कुछ दलाल किस्म के लोगों के एक फोन पर ही अवैध बालू लदे ट्रैक्टर छूट भी जाते हैं।