राजीव कुमार जैन रानू
ललितपुर। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का ओयाजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता केन्द्र प्रभारी डा.दिनेश तिवारी ने की, जबकि मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा कानपुर घासीराम सहरिया ने की दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। बताया गया कि किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच उपरान्त ही फसलों में उर्वरकों का प्रयोग करके लागत को कम किया जा सकता है। मुख्य अतिथि ने बताया कि खेत की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए किसान को जैविक खाद का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। गोबर की सड़ी-गली खाद खेत में डालने से जहां एक ओर खेत की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है तो वहीं कई पोषक तत्व की कमी भी पूरी हो जाती है। पादप सुरक्षा वैज्ञानिक डा.एन.के. यादव ने बताया कि किसानों को रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करनी चाहिए, नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब हमारी जमीन बंजर बन जायेगी। किसानों को जैविक खाद के प्रयोग से खेत की उत्पादकता क्षमता बढग़ी। प्रयोगशाला तकनीशियन राधा मौर्य ने बताया कि किसानों को मिट्टी के नमूनों की जांच के उपरान्त जो परिणाम सामने आये उसके आधार पर अपने खेत में पोषक तत्व व खाद का प्रयोग करें साथ ही मृदा परीक्षण कराने के लिए कृषकों को प्रेरित किया। इस दौरान प्रभू, प्रकाश, आशाराम एवं गुडडी सहित अनेकों किसानों व महिला किसानों ने प्रतिभाग किया।