रावेंद्र शुक्ला
आशीष दीक्षित की सनसनीखेज हत्या की घटना का सफल अनावरण करते हुए 01 अभियुक्त आशीष कराढना व SOG यमुनानगर की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा थाना करछना क्षेत्रांतर्गत हुई गिरफ्तार, घटना में प्रयुक्त आलाकत्ल 01 अदद चापड़ बरामद दिनांक 10.12.2022 को थाना करछना पर सूचना प्राप्त हुई कि वहद ग्राम गधियांव प्रयागराज-मिर्जापुर हाईवे के किनारे अशोक लीलैण्ड सर्विस सेन्टर के बगल में बसवार में एक अज्ञात शव पड़ा हुआ है जिसकी गर्दन पर धारदार हथियार से वार किये गये है। इस सूचना पर स्थानीय पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर शव से प्राप्त पर्स में रखे आधार कार्ड के आधार पर शव की शिनाख्त आशीष दीक्षित पुत्र सन्तोष दीक्षित निवासी 678 नन्दन तालाब अरेल थाना नैनी प्रयागराज उम्र करीब 37 वर्ष के रूप में की गयी तथा परिजनों को सूचित किया गया। मृतक के भाई रवि दीक्षित की तहरीर पर थाना करछना में मु0अ0स0 466/22 धारा 302 भा0द0सं0 बनाम मुकेश पाल (आशंका के आधार पर) पंजीकृत किया गया।
उच्चाधिकारियों द्वारा पुलिस की विभिन्न टीमें गठित कर घटना के अनावरण हेतु लगाया गया
गिरफ्तारी का विवरण
पुलिस आयुक्त प्रयागराज व अपर पुलिस आयुक्त प्रयागराज के निर्देशन में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में श्रीमान् पुलिस उपायुक्त यमुनानगर व सहायक पुलिस आयुक्त करछना के पर्यवेक्षण में गठित पुलिस टीमों द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलन व सर्विलांस सेल की सहायता से संदिग्ध नितिश सैनी उपरोक्त की घटना में संलिप्तता की पुष्टि हो जाने के उपरान्त थाना करछना व SOG यमुनानगर की संयुक्त टीम द्वारा अथक प्रयास कर थाना करछना में पंजीकृत मु0अ0सं0 466/22 धारा 302 भा0द0सं0 से सम्बन्धित घटना का सफल अनावरण करते हुए अभियुक्त नितिश सैनी पुत्र यशपाल सैनी निवासी ग्राम निरंजनपुर, थाना लश्कर, जनपद हरिद्वार (उत्तराखण्ड), उम्र करीब 22 वर्ष को दिनांक 15.12.2022 को जनपद हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त नितिश सैनी की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आला कत्ल 01 अदद चापड़ बरामद किया गया।
पूछतांछ का विवरण
अभियुक्त नितिश सैनी उपरोक्त द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वह मृतक आशीष दीक्षित से लगभग 5-6 माह पूर्व से परिचित था। इनका परिचय हर की पौड़ी हरिद्वार में गंगा स्नान के समय हुई थी। नितिश सैनी साधारण परिवार से है, जो अपने भविष्य को लेकर परेशान रहता था। आशीष द्वारा उसे पूजा-पाठ व दैवीय शक्ति के माध्यम से उसका भविष्य अच्छा बनाने की बात कही जाती थी। आशीष की बात से प्रभावित होकर नितिश सैनी हरिद्वार में ही उसके साथ किराए का कमरा लेकर रहने लगा। इस दौरान नितिश ने अपनी प्राइवेट नौकरी भी छोड़ दी तथा उसे विश्वास होने लगा था कि दैवीय शक्ति के फलस्वरूप एक दिन उसकी परिस्थितियां सुधर जायेंगी।
नितिश सैनी के सारे खर्चे आशीष दीक्षित ही उठाता था
नितिश हर समय आशीष के साथ ही रहता था, जिसका उसके परिजन विरोध भी करते थे। बाद में आशीष, नितिश से उसके ऊपर खर्च किये पैसों की माँग करने लगा जिसपर नितिश परिस्थितियां सुधरने पर उसके पैसे वापस करने की बात कहता था। नितिश सैनी आशीष के साथ हरिद्वार से चलकर वाराणसी, कानपुर व प्रयागराज आकर होटल में साथ में रहा।
दिनांक 08.12.2022 को दोनों ने प्रयागराज विन्ध्यवासिनी धाम जाकर दर्शन किया
दिनांक 09.12.2022 को विन्ध्यवासिनी धाम से लौटते समय घटनास्थल पर आकर मृतक आशीष दीक्षित द्वारा नितिश सैनी को बताया गया कि मुझे सिद्धी प्राप्त करनी है, यदि तुम मुझे मार दोगे तो मैं सिद्धी प्राप्त कर लूँगा तथा पुनः जीवित होकर दैवीय शक्तियां प्राप्त कर तुम्हारा जीवन बदल दूंगा। इसके सम्बन्ध में वह नितिश को यूट्यूब पर महाभारत में बर्बरीक व ऋषि की कहानी दिखाता था, जिसमें एक व्यक्ति का सिर कट जाने के बाद भी दैवीय शक्ति से वह पुनः जीवित हो जाता था। आशीष द्वारा बताया गया कि पूजा के बाद जब मैं लेदूंगा तो तुम मुझ हिलाडुला कर देखना यदि मेरे शरीर में कोई हलचल ना हो तो मुझे चापड़ से गर्दन काटकर मार देना तथा मेरे रक्त से अपने माथे पर अभिषेक लगाकर मंत्रोच्चार कर चापड़ व अन्य पूजन सामग्री गंगा किनारे प्रवाहित कर देना। इसके बाद तुम प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर पहुंचना यदि मैं एक घण्टे तक नहीं आऊंगा तो तुम चले जाना। मैं माँ कामाख्या देवी के पास जीवित होकर दर्शन प्राप्त कर तुमसे हरिद्वार में पुनः मिलूँगा। इस पर नितिश सैनी ने यह सोचा कि आशीष दीक्षित को मारने पर उन्हें सिद्धी प्राप्त हो जायेगी तथा इसका लाभ मुझे भी प्राप्त होगा साथ ही साथ आशीष द्वारा नितिश सैनी पर जो भी पैसे खर्च किये थे उसे देने से भी वह बच जाएगा। नितिश द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा इस कार्य हेतु तैयार हो जाने पर आशीष दीक्षित द्वारा शराब का सेवन किया गया तथा कुछ दवा खाई गयी, उसके बाद वह अपनी जैकेट व टीशर्ट खोलकर लेट गये थोड़ी देर बाद उनके शरीर में हलचल न देखकर नितिश द्वारा आशीष के बताये अनुसार उसे हिला डुलाकर देखा गया तथा शरीर में कोई हलचल न पाकर साथ लाये चापड़ से उसकी गर्दन पर वार कर उसकी हत्या कर दी गयी। इसके बाद नितिश ने चापड़ व अन्य पूजन सामग्री औरैल घाट के पास किनारे पर ही प्रवाहित कर दिया तथा स्टेशन जाकर कुछ समय तक आशीष का इन्तजार किया तत्पश्चात् वह हरिद्वार चला गया। गिटार