आलोक मिश्रा
हुसैनिया शरीफाबाद में मजलिस के बाद बरामद हुआ ताबूत ए बीबी फात्मा जहरा
सरायअकिल,कौशाम्बी। करारी कस्बे में अय्यामे फातमिया के सिलसिले की नवीं मजलिस का आयोजन हजरतगंज वार्ड स्थित हुसैनिया शरीफाबाद मे किया गया। मजलिस की शुरूआत कुरआन ए मजीद की तेलावत से किया गया। मजलिस के बाद बीबी फात्मा का ताबूत बरामद हुआ। अजादारों ने नम आंखों से ताबूत की ज्यारत कर नबी ए करीम को उनकी बेटी का पुरसा दिया। कार्यक्रम रात आठ बजे शुरू हो कर देर रात तक चला। कस्बे में अय्यामे फातमिया का सिलसिला लगातार चल रहा है। इसी क्रम में बुधवार की रात हजरतगंज वार्ड स्थित हुसैनिया शरीफाबाद में नवीं मजलिस का आयोजन किया गया। इसकी शुरूआत कुरआन की तेलावत से मोहम्मद जवाद ने किया। सोज पढ़ी आलम और ऐहसान हैदर ने जबकि पेशख्वानी की शायरे आजम सिब्ते मोहम्मद रिजवी ने। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना मेराज हैदर खां ने कहा कि अगर वह वाकई में बीबी फात्मा जहरा से मोहब्बत करते हैं तो उनके बताए सच्चे रास्ते पर चलकर अपनी मोहब्बत के सही होने का प्रमाण दें। कहा मुसलमानों के आखिरी नबी हजरत मोहम्मद साहब की इकलौती बेटी ने अपने बाबा की वफात के बाद जब अपना हक मांगने दरबार में गईं तो आप को हुकूमत में बैठे लोगों ने आपको हक नहीं दिया और झुठला दिया। बीबी फात्मा इस बात से इतना नाराज हुईं कि आप ने अपने पति मौला अली से वसीयत किया कि याअली जिन लोगों ने मेरा हक छीन लिया है और भरे दरबार में मुझे झुठलाया उन लोगों को मेरे जनाजे में मत आने देना। जब आप की शहादत हुई तो मौला अली ने रसूल की इकलौती बेटी का जनाजा रात के अंधेरे में ले जाकर जन्नतुल बकी में दफ्न कर दिया। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत बीबी फात्मा बरामद हुआ जिसे देखकर अजादारों की आखों से आंसू बहने लगे। नजफी ने नौहा पढा- सलवातो सलाम आप पे या फात्मा जहरा, हम आये हैं पुरसे के लिए फात्मा जहरा। इस नौहे पर अजादारों ने मातम कर आंसू बहाये। कार्यक्रम का संचालन नैयर रिजवी ने किया। इस मौके पर मौजूद थे मौलाना सैयद मो. जोहैर कैन रिजवी, मौलाना सयैद जमीर हैदर रिजवी, फुरकान रिजवी, अफरोज हैदर, फरजदक रिजवी, आलिम हुसैन, अजादार हुसैन आदि लोग मौजूद रहे।