राकेश केसरी
कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 रवि किशोर त्रिवेदी की अध्यक्षता में उदयन सभागार में वर्षा जल संचयन, भू-जल संरक्षण एवं भू-जल रिचार्ज योजनाओं से सम्बन्धित जिला तकनीकी समन्वय समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सहायक अभियंता, लघु सिंचाई शुभम कुमार मिश्रा ने बताया कि वर्ष-2013 में भूजल आॅकलन रिपोर्ट के अनुसार जनपद के 8 विकास खण्डों में से 3 विकास खण्ड-चायल, मूरतगंज व सिराथू अतिदोहित एवं 3 विकास खण्ड-कड़ा, मंझनपुर व नेवादा क्रिटिकल तथा 2 विकास खण्ड-कौशाम्बी व सरसवां सुरक्षित श्रेणी में थे, भू-जल संरक्षण के कारण वर्ष-2022 में भू-जल आॅकलन रिपोर्ट के अनुसार विकास खण्ड चायल व मूरतगंज अतिदोहित एवं विकास खण्ड कड़ा, सिराथू, मंझनपुर व नेवादा सेमी क्रिटिकल तथा विकास खण्ड कौशाम्बी व सरसवां सुरक्षित श्रेणी में है। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में लघु सिंचाई विभाग द्वारा जनपद में 20 तालाब और 65 चेकडैमों का निर्माण कराया गया है, जिससे लगभग 44.79 हेक्टेयर मीटर भूजल रिचार्ज होता है और लगभग 1462.20 हेक्टेयर भूमि पर अतिरिक्त सिंचाई सुविधा विकसित किया गया है, जिससे वार्षिक भूजल रिचार्ज बढ़ाने और दोहन में कमी होने के कारण भूजल स्तर में सुधार हुआ है और जनपद में 2 विकास खण्ड अतिदोहित व 4 विकास खण्ड सेमी क्रिटिकल श्रेणी में बचे हुए हैं। सहायक अभियंता, लघु सिंचाई ने बताया कि जनपद के 35 नालों का सर्वे कराने के पश्चात 50 स्थल चेकडैम निर्माण के लिए उपयुक्त पाये गये एवं 313 तालाबों का सर्वे कराया गया, जिसमें 174 तालाब निर्माण/जीर्णोद्धार के लिए उपयुक्त पाये गये और 102 शासकीय व अर्द्शासकीय भवन रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना के लिए उपयुक्त पाये गये। उन्होंने बताया कि जनपद में 50 चेकडैम व 174 तालाब एवं 102 शासकीय व अर्द्धशासकीय भवनों में रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना के लिए शासन को प्रस्ताव तैयार कर प्रेषित किया जायेंगा। मुख्य विकास अधिकारी ने एएमआई को शीघ्र आवश्यक कार्यवाही कर शासन को प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दियें। बैठक में जिला विकास अधिकारी विजय कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।