इंदौर। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा हैं। एक माह बूथ स्तर पर अभियान चलाकर मतदाताओं के नाम हटाने और जोड़ने का कार्य किया गया। अब दावे आपत्ति का निराकरण किया जा रहा हैं। कांग्रेस नेता ने हटाये गए 98 हजार मतदाताओं के नाम और आधार की जानकारी मांगी थी, लेकिन मानव संसाधन नहीं होने का हवाला देकर जिला निर्वाचन कार्यालय में रिकार्ड दिखाने से इंकार कर दिया। मामले में भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली को शिकायत की गई। शिकायत आगे की करवाई के लिए मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग को भेजी गई। मतदाता-सूची से हटाये गए 98 हजार मतदाताओं की सूची कांग्रेस नेता व पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने मांगी थी, लेकिन जिला निर्वाचन कार्यालय इंदौर ने मानव संसाधन नहीं होने का अनूठा जवाब देकर रिकार्ड दिखने से इनकार किया था। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने बताया कि रिकार्ड नहीं दिखाने की विधिक शिकायत प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ एवं महेंद्र जोशी के निर्देशों पर भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली में की गई। भारत निर्वाचन आयोग ने कौशल की शिकायत को गंभीरता से लेते हुवे आगामी कारवाई के लिए शिकायत को मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग को भेजी है। इसकी जानकारी कौशल को ई-मेल पर भेजकर भोपाल स्थित राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क करने को लिखा है।
साढ़े तीन लाख नाम हटाये
कौशल का कहना हैं कि विगत दो वर्षों से निरंतर इंदौर की मतदाता-सूची से फर्जी नाम हटावाने की लिए प्रयासरत है, जिसमें कई हद तक सफलता प्राप्त हुई है। जिला निर्वाचन कार्यालय द्वरा जारी आंकड़ों अनुसार अभी तक तीन लाख 60 हजार के लगभग फर्जी और डबल नाम विलोपित किए जाने का दावा किया जा रहा है। परंतु हटाए गए मतदाताओं के आधार दस्तावेज नहीं दिखाए जा रहे है।