ग्वालियर। विशेष सत्र न्यायालय में पीएमटी कांड से जुड़े गौरव गुप्ता व राहुल यादव केसों में अब अंतिम तर्क आज हुए। साथ ही न्यायालाय ने राहुल यादव को चार साल की सजा सुनाई और गौरव गुप्ता को चारों मामलों में बरी कर दिया। उधर आशीष चतुर्वेदी ने भी अपत्ति करते हुए गवाही का हक मांगा है। लेकिन कोर्ट ने विचार नहीं किया है। अब हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। गौरव गुप्ता ने फर्जी तरीके से पीएमटी पास की थी। पुलिस पूछताछ के दौरान पीएमटी कांड के सरगना दीपक यादव ने गौरव गुप्ता के फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। पुलिस ने दीपक यादव, राहुल यादव, संतोष यादव, सुरेंद्र वर्मा, गौरव गुप्ता को आरोपित बनाया था। इन सभी ने गौरव गुप्ता को पास कराने के लिए फर्जीवाड़ा किया था। जबकि राहुल यादव ने फर्जी तरीके से पीएमटी पास की। जब उसने पीएमटी पास की थी, तब उसकी सप्लीमेंट्री थी काउंसिलिंग में सप्लीमेंट्री की बात को छिपा लिया था। झांसी रोड थाना पुलिस ने अलग से केस दर्ज किया था। इन दोनों केस में आशीष चतुर्वेदी की गवाही का हक समाप्त किए जाने के बाद ट्रायल पूरी हो रही है। अंतिम तर्क के बाद फैसला होना है।
राहुल यादव व गौरव गुप्ता केस की स्थित
-राहुल यादव केस: मप्र शासन बनाम राहुल यादव केस की ट्रायल 2014 में शुरू हुई थी। पीएमटी कांड के सरगना डा दीपक यादव का छोटा भाई है। साल्वर बिठाकर पीएमटी पास की थी। भोपाल काउंसिलिंग में शामिल होने से पहले जीआरपी थाना भोपाल में एफआइआर दर्ज कराई कि ट्रेन में सामान चोरी हो गया है। जिसमें उसकी अंकसूची रखी थी। जबकि उसकी सप्लीमेंट्री थी। सप्लीमेंट्री को छुपाने के लिए यह षडयंत्र रचा था। काउंसलिंग के वक्त उसे 12 वीं पास होना चाहिए था सप्लीमेंट्री का खुलासा आशीष चतुर्वेदी ने किया था। इस केस में राहुल यादव अकेला आरोपित है। - गौरव गुप्ता केस: मप्र शासन बनाम गौरव गुप्ता केस की ट्रायल भी 2014 से शुरू हुई थी। गौरव गुप्ता ने फर्जी तरीके से पीएमटी पास की थी। इसको पास कराने में दीपक यादव, राहुल उर्फ मोनू, संतोष यादव, सुरेंद्र कुमार वर्मा ने मदद की थी।