राजीव कुमार जैन रानू
मुनिश्री की धर्मसभा श्रावक सीख रहे जीवन जीने की कला
ललितपुर। क्षेत्रपाल मंदिर में मुनिश्री सुधासागर महाराज ने कहा जीवन मे आत्मिक शान्ति की अनुभूति साधना में है। उन्होने कहा व्यक्ति अच्छा सोचना चाहता है लेकिन नहीं सोच पाता ऐसा ही व्यक्ति अच्छा बनना चाहता लेकिन उस दिशा में आगे नहीं वढ पाता। धर्म जीवन में स्वच्छन्दता को नकारता है। उन्होने कहा प्रकृति ने दिया जो कुछ है देखने के लिए है, जो देखने लायक नहीं है उसे छिपकर देख रहे हो आखिर किस लिए। मुनिश्री ने श्रावकों को प्रेरणा दी कि जीवन में अच्छा सोचोगे और बुराईयों से दूर रहोगे आत्मिक शान्ति मिलेगी। उन्होने कहा निस्वार्थ भाव की शाक्ति जीवन में जागृत करो अपनी पीडा पर जव आंसू बहे तो नीर नहीं जहर है और जव दूसरों की पीडा में वहे तो वह मोती समान होते हैं। मुनिश्री के सानिध्य में अभिनंदनोदय तीर्थ पर धर्मालुजनों ने अभिषेक शान्तिधारा का पुण्र्याजन किया। इसके उपरान्त धर्म सभा का शुभारम्भ आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर श्रावक श्रेष्ठियों ने पुण्र्याजन किया एवं मुनिश्री का पादप्रक्षालन किया।
सुधासागर महाराज का पिच्छिका परिवर्तन 29 को
निर्यापक श्रमण मुनिश्री सुधासागर महाराज एवं संघस्थ मुनिश्री पूज्यसागर महाराज, एलक धैर्यसागर महाराज, क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज का वहुप्रतीक्षित पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम 29 जनवरी रविवार को होना सुनिश्चित है। बताया गया है कि मुनिश्री के पिच्छिका परिवर्तन संयम महोत्सव के कार्यक्रम में मुनि भक्त श्रावक श्रेष्ठियों का समागम रहेगा और गौरवशाली संयमी श्रावकों को मुनि संघ की पुरानी पिच्छिका ग्रहण करने एवं नवीन पिच्छिका गुरूवर को समर्पित करने का पुण्र्याजन मिलेगा।