राजीव कुमार जैन रानू
ललितपुर। नेहरू महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई प्रथम एवं तृतीय इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम पनारी एवं बमोरी में संचालित हो रहा है। आज शिविर के दूसरे दिन स्वयंसेवकों के द्वारा गांव में श्रमदान किया गया एवं जागरूकता रैली निकाली गई। तत्पश्चात स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डा.पंकज शर्मा ने कहा कि सामान्य तौर पर देखा जाए तो किसी राष्ट्र की उन्नति उसके नागरिकों के स्वास्थ्य पर ही निर्भर करती है। यदि नागरिक स्वस्थ हैं तो निश्चित रूप से वह देश भी उन्नति के शिखर पर पहुँच सकता है।
समाजसेवी डा.दीपक चौबे ने कहा कि बहुत से व्यक्ति स्वास्थ्य के अर्थ को पूर्ण रूप से नहीं समझते। कुछ व्यक्ति बीमारियों से दूर रहने को ही स्वास्थ्य समझते हैं। कुछ शरीर के सुन्दर होने को ही स्वास्थ्य समझते हैं। कुछ व्यक्तियों के विचार से स्वास्थ्य केवल कार्य करने की क्षमता है, किन्तु यह स्वास्थ्य की संकुचित अवधारणा है। सामान्यत: अस्वस्थता तथा कष्टों का कारण स्वास्थ्य के प्रति ऐसा संकुचित दृष्टिकोण ही है। अत: एक व्यापक एवं सही दृष्टिकोण की जरूरत है जो वास्तविक स्वास्थ्य की ओर ले जा सके। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा.सुधाकर उपाध्याय ने कहा कि स्वास्थ्य के अन्तर्गत शारीरिक शक्ति, क्षमता तथा सहनशीलता का पर्याप्त भंडार और मानसिक संतुलन भी आता है, जिससे दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। कार्यक्रम अधिकारी डा.बलराम द्विवेदी ने कहा कि कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि इसमें सामाजिक, मानसिक, भावात्मक स्वास्थ्य भी शामिल है। मनोवैज्ञानिक डा.संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण स्थान है। स्वास्थ्य व्यक्ति की अमूल्य निधि है। यह केवल व्यक्ति विशेष को प्रभावित नहीं करता, बल्कि जिस समाज में वह रहता है उस सम्पूर्ण समाज को प्रभावित करता है। स्वस्थ मनुष्य ही सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह कुशलतापूर्वक कर सकता है। मनोवैज्ञानिक डा.राजेश तिवारी ने कहा कि समाज में यह कहावत स्वास्थ्य के महत्त्व को दर्शाती है। यदि धन खो गया कुछ नहीं खोया, यदि चरित्र खो गया तो कुछ खो गया, परन्तु यदि स्वास्थ्य खो गया तो सब कुछ खो गया। आयुर्वेदाचार्य सीतु राजा ने कहा कि स्वास्थ्य मनुष्य समाज का आधार स्तम्भ है। यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक नहीं तो पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान भी भला नहीं कर सकता। समस्त कार्य क्षेत्र कोई भी हो, विचार कुछ भी हों, जीवन चर्चा कैसी भी हो, अस्वस्थ शरीर सदा ही आपकी उन्नति व विकास की राह का रोड़ा बनेगा। इसके विपरीत यदि स्वास्थ्य ठीक है तो व्यक्ति कठिन से कठिन व विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन पथ पर उत्साहपूर्वक आगे बढ़ता रहता है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय पनारी के प्रधानाचार्य मोहम्मद जाकिर ने कहा कि यदि शरीर रोगों से ग्रस्त हो और बीमारियों से पीड़ित तो मनुष्य स्वतंत्रतापूर्वक जीवन का उपभोग नहीं कर सकता। इच्छाओं को दबाने से मनुष्य चिड़चिड़ा हो जाता है और शारीरिक दोषों के साथ-साथ मानसिक रोग भी लग जाते हैं तथा खाना-पीना, घूमना-फिरना सभी हराम हो जाता है। इसलिए जीवन यदि पुष्प है तो स्वास्थ्य उसमें शहद के समान है। कार्यक्रम को प्रतिभा यादव, सीमा तिवारी, तारा तिवारी, नंदनी, खुर्शीदा बानो के अलावा स्वयंसेवक आयुषी मिश्रा, पलक नायक, नैंसी नायक, अनामिका रिछारिया, घनेंद्र, सोनू, अनेक सिंह, अभय, आकाश अहिरवार, अनंतराम, अंकित पटेल, बृजेश, दानिश, गोलू, हनुमत, हरिराम, किशोरी, अल्पना राजा, अंकिता, अंजलि, वैष्णवी आदि 100 से अधिक स्वयंसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा.संजीव कुमार शर्मा ने व आभार डा.राजेश तिवारी ने किया।