कमल सिंह
ड्यूटी पर लापरवाही के लिए स्टाफ नर्स को फटकारा था
सरकारी आवास को आज तक नहीं किया गया खाली
बांदा। तिंदवारी पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. लवलेश ने मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए गए पत्र में बताया है कि स्टाफ नर्स द्वारा उन पर छेड़खानी का झूठा आरोप लगाया गया है। बताया कि उन्होंने स्टाफ नर्स को ड्यूटी के लिए निर्देशित किया था और लापरवाही न करने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही सरकारी आवास खाली करने के लिए भी कई बार कहा गया। इसी खुन्नस के चलते उन पर फर्जी आरोप लगाया गया है।
डा. लवलेश ने सीएमओ को दिए गए पत्र में बताया कि 8 फरवरी को समय करीब साढ़े आठ बजे रात को वह ड्यूटी करने के बाद अपने आवास गए थे। तभी सूचना मिली कि डिलीवरी रूम में काफी भीड़ है और कोई स्टाफ नर्स नहीं है। मैने डिलीवरी रूम का निरीक्षण किया तो ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स अनुपस्थित थीं। तब उन्हें फोन कर ड्यूटी करने के लिए कहा गया। इस पर स्टाफ नर्स ने कहा कि वह अभी घर मे हैं, जब उनकी मर्जी होगी, तब ड्यूटी में आउंगी। कुछ देर बाद स्टाफ नर्स आईं और उनके द्वारा कड़ाई से ड्यूटी को निर्देशित करने व लापरवाही न करने के लिए कहा गया, तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। उस समय वहां पर आशा बहू अमरेहा सुमन देवी व प्रसूता सोनी सिंह पत्नी राहुल सिंह व प्रसूता नीता देवी पत्नी रामलाल मौजूद थीं। इतना कहकर प्रभारी चिकित्साधिकारी अपने आवास चले गए। कुछ ही देर बाद कुछ राजनैतिक लोगों को बुलाकर स्टाफ नर्स ने गाली-गलौज करते हुए उनके आवास आई और कुछ लोग बाउंड्री कूदकर आवास के अंदर आ गए। इस पर प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अपने को एक कमरे में बंद कर लिया और लोगों ने आवास में तोड़फोड़ की। शराब की बोतलें भी फेंकी। बाद में कुछ राजनैतिक लोगों की मदद से डा. लवलेश पर झूठे आरोप लगाकर उनके खिलाफ थाने में झूठा प्रार्थना पत्र दिया है। डा. लवलेश ने बताया कि स्टाफ नर्स को कई बार सरकारी आवास में अवैध कब्जा करते हुए रहने पर कई बार खाली करने के लिए मौखिक आदेशित किया था, लेकिन आज तक आवास भी खाली नहीं किया है। इसी खुन्नस के कारण भी झूठा प्रार्थना पत्र देकर तिंदवारी थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
डा. लवलेश पटेल ने मुख्य चिकित्साधिकारी केा यह भी बताया कि स्टाफ नर्स राजनैतिक लोगों के संपर्क में रहती हैं और सरकारी कार्यों व ड्यूटी में कोई रुचि नहीं लेती हैं। हमेशा झूठे आरोप लगाकर फंसाने की धमकी देती रहती थीं। प्रभारी चिकित्साधिकारी ने कहा कि इस मामले में वह पूरी तरह से निर्दोष हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराते हुए न्याय दिलाया जाए।