इन्द्रपाल सिंह'प्रिइन्द्र
जगह-जगह जवारों का हुआ पूजन- तालाबों में विसर्जित किये गये जवारे
ललितपुर। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नवमीं पर जिलेभर में धार्मिक आयोजन संपन्न हुये। चैत्र नवरात्र की नवमीं पर जवारे भी बड़ी ही धूमधाम व अगाद्ध श्रद्धाभाव से निकाले गये, जिसके चलते लोगों का पूरा दिन धर्मचर्या में व्यतीत हुआ। 22 अप्रैल से प्रारंभ हुए नवरात्रि महोत्सव का गुरूवार को समापन हो गया। इस अवसर पर माता मंदिरों और शक्तिपीठों पर तो श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। साथ ही घरों में भी लोग नवमीं पर माता पूजन किया गया। इसके अलावा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी हर्षोल्लास से मंदिरों में मनाया गया। इस अवसर पर जिला मुख्यालय पर जवारों की भव्य शोभायात्रा भी निकाली गयी। नवरात्रि के समापन के अवसर पर शीतला माता मंदिरों में सुबह से दोपहर तक श्रद्धालु माता का पूजन करने के लिए पहुंचे। चूंकि आखिरी दिन माता की विशेष आराधना एवं खीर-पूड़ी, हलवा आदि का भोग लगाया जाता है इस कारण मंदिरों में श्रद्धालुओं को देर तक रुकना होता है जिससे मंदिरों में काफी भीड़ एकत्र रही। इसके अलावा माता पूजन का कार्यक्रम घरों में भी संपन्ना हुआ। शक्ति आराधना के लिए जिन लोगों ने जवारे बोए थे वह नवरात्रि के अवसर पर उनका विसर्जन श्रद्धाभाव के साथ किया गया। इसके अलावा शक्तिपीठों पर भी श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचे। मोहल्ला चौबयाना स्थित स्थित बड़ी माता मंदिर, सिद्धपीठ चण्डी माता मंदिर में विशेष पूजन अर्चन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
अष्टमी के अवसर पर हुआ महागौरी का पूजन
मोहल्ला चौबयाना स्थित बड़ी माता मंदिर, काली बऊआ माता मंदिर, सिद्धपीठ चण्डी माता मंदिर पर दुर्गा महोत्सव के आठवें दिन श्रद्धालुओं को आठवीं शक्ति का महत्व बताया गया। माता महागौरी का वर्णन करते हुए बताया गया कि मां महागौरी ने शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी जिससे उनका शरीर काला पड़ गया था। भगवान ने गंगा के पवित्र जल से इस मल को धोया जिससे इनका नाम महागौरी पड़ा। माता की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। माता मंदिरों पर आठ कन्याओं का विधिवत पूजन किया गया तथा उन्हें सम्मानित करके चुनरी, फल, द्रव्य दक्षिणा दी गई। रामनवमी महोत्सव श्रद्धालुओं द्वारा बड़े भक्ति-भाव के साथ मनाया गया।