राजीव कुमार जैन रानू
सिद्धचक्र महामंडल विधान में भक्ति भाव से झूमे श्रद्धालू
ललितपुर। प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ विकास खंड महरौनी में मनोकामना अतिशयकारी अरनाथ भगवान की छत्रछाया में आचार्यश्री विनिश्चय सागर महाराज ससंघ एवं आचार्यश्री विबुद्ध सागर महाराज ससंघ सान्निध्य में ब्र.जयकुमार के निर्देशन में आठ दिवसीय सिद्धार्चना का अनुष्ठान विधि-विधान के साथ चल रही है। जिसमें भक्ति की बयार अपूर्व धर्म प्रभावना के साथ बह रही है। आयोजन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए वाक केशरी, आचार्यश्री विनिश्चय सागर महाराज ने कहा कि मानव सिद्धत्व का बीज है, मानव में सिद्धत्व के सभी गुण विद्यमान हैं, अन्तर इतना है सिद्धों ने प्राप्त कर लिए है और हमें अभी प्राप्त करना है। सिद्धत्व प्राप्त करने के लिए ध्यान अनिवार्य है, ध्यान के लिए मन, वचन और कार्य की एकाग्रता अनिवार्य है। श्रावक आर्त एवं रौद्र ध्यान करके कर्मों को आमंत्रित करता है, श्रमण धर्म ध्यान और शुक्ल ध्यान द्वारा कर्म क्षय करते हैं। श्रावक भी आर्त-रौद्र परिणामों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। यदि समग्र चेतना से ध्यान का सतत अभ्यास किया जाये तो श्रावक स्वयं की दुश्चिंताओं, आधि एवं व्याधियों के छुटकारा प्राप्त करने के साथ अन्य को भी लाभान्वित कर सकता है। बताया गया है कि सुबह मूलनायक अरनाथ भगवान के समक्ष श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजा, सिद्धचक्र महामंडल विधान का पूजन किया गया। विधान के मंडल पर मंत्रोच्चारण पूर्वक विधान के अघ्र्य समर्पित किए गए।