इन्द्रपाल सिंह'प्रिइन्द्र
नेमवि में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर का भव्य शुभारंभ
ललितपुर। नेहरू महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के पांचों इकाइयों का भव्य शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो.राकेश नारायण द्विवेदी ने कहा कि सभी युवा स्वयंसेवक जो एनएसएस के नेतृत्व वाली सामुदायिक सेवा के माध्यम से देश की सेवा करने का विकल्प चुनते हैं। एनएसएस बैज को गर्व और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए जिम्मेदारी की भावना के साथ पहनते हैं। एनएसएस बैज में कोणार्क व्हील 8 बार होता है, जो दिन के 24 घंटों का संकेत देता है, पहनने वाले को राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार रहने की याद दिलाता है, यानी 24 घंटे। बैज में लाल रंग एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा प्रदर्शित ऊर्जा और भावना को दर्शाता है। नीला रंग उस ब्रह्माण्ड को दर्शाता है, जिसमें एनएसएस एक छोटा सा हिस्सा है, जो मानव जाति के कल्याण के लिए अपना योगदान देने के लिए तैयार है। मुख्य अतिथि सीओ सदर अभय नारायण राय ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) भारत सरकार, युवा मामलों और खेल मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे औपचारिक रूप से 24 सितंबर, 1969 को शुरू किया गया। यह ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों और स्कूलों के छात्र युवाओं को अवसर प्रदान करता है। भारत के कॉलेजों और विश्वविद्यालय स्तर पर तकनीकी संस्थान, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विभिन्न सरकारी नेतृत्व वाली सामुदायिक सेवा गतिविधियों और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए। एक सक्रिय सदस्य होने के नाते इन छात्र स्वयंसेवकों के पास एक कुशल सामाजिक नेता, कुशल प्रशासक और मानव स्वभाव को समझने वाले व्यक्ति होने का प्रदर्शन और अनुभव होगा। विशिष्ट अतिथि प्रबंधक प्रदीप चौबे ने कहा कि एनएसएस का एकमात्र उद्देश्य युवा छात्रों को सामुदायिक सेवा के माध्यम से अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए अनुभव प्रदान करना है। राष्ट्रीय सेवा योजना का आदर्श वाक्य है नॉट मी बाउट यू। इससे स्वयंसेवकों में में सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना का विकास होता है। समूह स्तर पर जिम्मेदारियों को बांटने के लिए आवश्यक क्षमता का विकास होगा। विशिष्ट अतिथि प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष विलास पटैरिया ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक जिस समुदाय में काम कर रहे हैं, उसे समझे। समुदाय की समस्याओं को जानना और उन्हें हल करने के लिए प्रयास करें। विशिष्ट अतिथि एआरटीओ परिवहन एस.एल.गौड़ ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य आपातकाल और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उपायों को समझना और राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का अभ्यास करना है। आमंत्रित अतिथि एआरटीओ प्रवर्तन मोहम्मद कय्यूम ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक सड़क सुरक्षा के नियमों को जाने तथा लोगों को इनके प्रति जागरूक करें जिससे रोड दुर्घटनाओं मे होने वाली जनहानि से बचा जा सके। विशिष्ट अतिथि संस्कृत विभाग अध्यक्ष प्रो.ओमप्रकाश शास्त्री शास्त्री ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों में नेतृत्व गुणों और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण को प्राप्त करना है और सामुदायिक भागेदारी को जुटाने के कौशल को प्राप्त करना। राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा.सुधाकर उपाध्याय ने राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर की कार्य योजना प्रस्तुत करते हुये बताया कि सभी इकाइयां अपने चयनित कार्यक्षेत्र स्थल पर जाकर अपनी अपनी कार्ययोजना के अनुसार विभिन्न जागरूकता अभियान चलाएंगे। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों डा.बलराम द्विवेदी, डा.राजीव निरंजन, अनीता, डा.वर्षा साहू ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रो.आशा साहू, डा.संजीव शर्मा, डा.मनोज कुमार, हिमांशधर द्विवेदी, जितेंद्र कुमार, राजेश तिवारी, डा.विनीत अग्निहोत्री, डा.शैलेंद्र सिंह चौहान, डा.ओपी चौधरी, रोहित वर्मा, डा.पराग कुमार, डा.संदीप श्रीवास्तव, डा.मनीष वर्मा, डा.प्रीति सिरोठिया, डा.अभिलाषा साहू आदि प्राध्यापकों एवं सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे। संचालन डा.सुधाकर उपाध्याय एवं आभार विलास पटेरिया ने किया।