,,,,कहीं नीरव मोदी और अदानी का हाथ से हाथ मिलाओ वाली बात तो नही ,,,,, योगेश गुप्ता
प्रदेश नेतृत्व को जमीनी स्तर पर वास्तविकता से रूबरू होना कॉन्ग्रेस पार्टी के पक्ष मे जरूरी होगा ..
क्योंकि भारत के कण कण मे राम बस चुके है . देखना है कि राम किस करवट लेते है ✍🏻
बात हकीकत की
टुडे वार्ता योगेश गुप्ता बैतुल
बैतुल / देश मे अदानी और नीरव मोदी की करतूतो को लेकर राहुल गांधी के समर्थक अब भाजपा सरकार का खुलकर विरोध कर प्रदर्शन और ज्ञापन कर रहे है । इधर इस वर्ष विधान सभा चुनाव मे सरकार चुनकर लाना भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनैती है । अलावा अन्य राजनीतिक दलो की कार्यप्रणाली मे तेजी से उझाल देखने को मिल रही है । इसी बीच मे कुछ दिनो पहले युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया की गिरफ्तारी की करके झाबुआ से भोपाल राजधानी लाना भी राजनैतिक हिस्सा लगता है। इधर देश मे कांग्रेसी जनता गुजरात के सूरत कोर्ट मे राहुल को 2 वर्ष की सजा के बाद लोक सभा सदस्य की सदस्यता निरस्त कर देने की घटना को विपक्ष पर दबाव और समर्थकों को प्रभावित करने का दृष्टिकोण समझ रही है। इन मामलो पूरे देश मे कांग्रेस कार्यकर्ताओ सहित समर्थक जनता की भारी भीड़ सड़को पर उतर चुकी है। युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया को गिरफ्तारी देने के बाद युवक काँग्रेस भी जिले मे ब्लाक से प्रदेश स्तर पर सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन कर रही है । वहीं बैतुल जिले की बात करे तो प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का ग्रह जिला छिंदवाड़ा से बैतुल जिले से लगा हुआ है । बल्कि मुलताई विधायक पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे कमलनाथ के करीबी होने का लाभ भी जिले के कांग्रेस जनों को सीधा मिलना भी संभव है। लेकिन बात मुद्दे की करें तो आने वाले विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस की सरकार लाने के लिए अब पिछली बार की तुलना चार गुना अधिक सक्रियता दिखानी पड़ेगी। मध्यप्रदेश मे कमलनाथ दिग्विजय सिंह के नेतृत्व मे हर्षवर्धन सौर नकुल नाथ जीतू पटवारी विक्रांत भूरिया की बड़ी भूमिका होना संभव है प्रदेश मे पिछड़ा वर्ग कांग्रेस श्री राज मणि पटेल आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष रामु टेकाम प्रदेश किसान कांग्रेस दिनेश गुर्जर प्रदेश एस सी विभाग कांग्रेस ये चार संगठन जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या मे जनता को कांग्रेस पार्टी सीधा जोड़कर पार्टी पक्ष में वोट बैंक बड़ा सकती है। जिला मुख्यालय विधान सभा के कांग्रेस विधायक निलय डागा की राम मंदिर निर्माण के चलाई गई सहभागिता अभियान चुनाव मे संजीवनी साबित सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह की बैतुल की राजनीति से दूरी की वजह भी उनके समर्थको के बीच चटपटी चर्चा का विषय बना हुआ है । जो पुराने कांग्रेसी अनुभवी नेतृत्व
नई लाबी से दूरी बना चुके है। उनके नाम सुनाई तो देते पर रणभूमि में भूमिका निभाने मे सिर्फ ओपचारिकता ही राह गई है ।