कटनी 22अप्रैल2023।गर्मी और बढ़ते तापमान की वजह से लू-तापघात की संभावना बढ़ गई है। इसके प्रभाव लक्षण एवं प्राथमिक उपचार के संबंध में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवायजरी जारी की गई है। सूर्य दाह या सनबर्न होने पर त्वचा पर लाल चकता, सूजन, फफोले, सिरदर्द होने पर प्रभावित को बार-बार नहलाये। यदि फफोले निकल आये हो तो स्टरलाइज ड्रेसिंग करें और डॉक्टर की सलाह लें। ताप के कारण शारीरिक ऐठन होने पर पैरों, पेट की मांसपेशियों अथवा शरीर के बाहरी भागों में तकलीफ देह ऐठन, अत्यधिक पसीना आने पर प्रभावित को छाँवदार स्थल पर तत्काल ले जाये। ऐंठन वाले शरीर के भाग को जोर से दबायें तथा धीरे-धीरे सहलाये। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलायें। यदि उबकाई आ रही हो तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें और तत्काल नजदीकी प्रथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाये। इसके अलावा अत्यधिक थकावट एवं शारीरिक खिंचाव महसूस होने की स्थिति में अत्यधिक पसीना आने, कमजोरी महसूस होने, शरीर ठंडा होने तथा पीला पड़जाने, सिरदर्द, नब्ज कमजोर पड़ जाने, मूर्छित हो जाने और उल्टी आने पर प्रभावित को छायादार स्थल पर लिटा कर शरीर पर ठंडा एवं गीले कपड़े से स्पंजिंग करें। संभव हो तो उन्हें वातानुकूलित कमरे में ले जायें। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलायें। यदि उबकाई आ रही हो तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दे और प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्रथमिक चिकित्सा केन्द्र में ले जायें। तापदाह (हीट स्ट्रोक) की स्थिति में अत्यधिक बुखार, अत्यधिक गर्म एवं सूखी त्वचा, तेज नब्ज या बेहोशी पर तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुँचायें और प्रभावित को डॉक्टर को दिखायें।
लू से बचाव हेतु सावधानी
जन सामान्य लू से बचाव हेतु पानी, छांछ, ओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना का सेवन करें। धूप में निकलते समय सिर ढककर रखें। कपड़े, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।