मोहम्मद जमाल
पुरवा। नगर के बस स्टॉप स्थित मस्जिद नूर में रमज़ान के पाक महीने में ख़ास नमाज़ तरावीह मुकम्मल हुई। रमज़ान का महीना मुसलमानों के लिए सबसे पाक महीना माना जाता है। यह महीना इबादत का महीना होता है। मुसलमानो में यह मान्यता है की ये महीना रहमत व बरकत ले कर आता है। हर मुसलमान को चाहिए कि इसमें तमाम तरह की बुराई से दूर रहे, अपने विचारों में शुद्धता रखे, किसी को नुकसान न पहुंचाये, ज्यादा वक्त इबादत में गुजारे। इस महीने में मस्जिदों में पवित्र ग्रंथ कुरआन की तिलावत कर तरावीह पढ़ाई जाती है। जिसे हाफिज ए कुरआन जिन्हें कुरान पूरी तरह से पुख्ता याद रहती है, पढ़ाते हैं। नगर के बस स्टॉप स्थित मस्जिद नूर में कुरआन की तिलावत कर तरावीह मुकम्मल हुई। हाफिज गुलाम वारिस साहब ने चांद रात से बाद नमाज़े ईशा तरावीह शुरु की थी। तेरवें रोज़े को नमाज़ ए तरावीह पूरी होते ही नमाजियों ने एक दूसरे को मुबारक बाद दी और हाफिज गुलाम वारिस साहेब और मोअज्ज़न सगीर खान का फूल माला पहना कर स्वागत किया। तत्पश्चात फातिहा ख्वानी वगैरह हुई। सभी को शिरीनी तकसीम हुई। इस दौरान मौलाना इस्लामुद्दीन, मौलाना दिलदार अहमद अशरफी, मौलाना नसीम, कारी शरीफुद्दीन, कारी मेंहदी हसन, कारी नसीरुद्दीन, हाफिज मोहम्मद फहीम, हाफिज मोहम्मद अतीक, रियाजुल हसन, निसार अली, मोहसिन खान, पप्पू मंसूरी, अदीब हसन, दिलशाद, सुलतान आदि मौजूद रहे।