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बाढ़ प्रभावित गांवों के अधिकतर घरों के भीतर तक पहुंचा पानी

Monday, August 29, 2022

/ by Today Warta



फतेहपुर। बीते 24 घंटे में यमुना का जलस्तर 36 सेंटीमीटर कम हुआ है, लेकिन बाढ़ की दहशत और मुसीबत बरकरार है। बाढ़ प्रभावित गांवों के अधिकतर घरों के भीतर तक पानी पहुंच गया है। प्रशासन की ओर से राहत के नाम पर लंच पैकट बांटे जा रहे हैं। करीब 35 गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। यहां के ग्रामीण चारों ओर पानी से घिरे हैं। उनकी आंखों में बाढ़ की दुश्वारियां साफ झलक रही है। मवेशियों में बीमारी फैलने लगी है। बहुआ क्षेत्र के पलटू का पुरवा, ललौली बाजार में पानी के चलते करीब 200 परिवार बाढ़ चौकी ललौली इंटर कॉलेज व पलटू का पुरवा में बने अस्थायी आश्रय स्थल में रह रहे हैं। एडीएम विनय पाठक ने रविवार को निरीक्षण किया। एसडीएम सदर अवधेश निगम व नायब तहसीलदार सदर विकास पांडेय ने भोजन वितरित किया व बीमारों को दवाएं बांटी। मवेशियों के लिए भी भूसा वितरण कराया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बीमार लोगों को दवाएं बांटी। साथ में नहाने व कपड़े धुलने की साबुन दी। सेनेटरी पैक, बाल्टी, डिब्बा व तौलिया भी एक-एक परिवार को दिया गया।बता दें कि बाढ़ का 10 साल पुराना रिकार्ड तोड़ कर रविवार को यमुना का जलस्तर सिमटने लगा है। वर्ष 2013 में यमुना का जलस्तर 102.550 मीटर पहुंचा था। शनिवार को यमुना का जस्तर 102.80 मीटर पर पहुंचा और रविवार से पानी कम होने लगा। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 102.44 मीटर पर पानी पहुंच गया। सदर तहसील के ललौली क्षेत्र में 17 गांव, खागा तहसील के आठ गांव और बिंदकी तहसील में 10 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। यमुना नदी के बाढ़ से घिरे गांवों में मवेशियों में बीमारी फैलने लगी है। पलटूपुर में किशोरी निषाद की एक भैंस मर गई और कई पशुपालकों के मवेशी बीमार हैं। पशु चिकित्सक डॉ. आनंद कुमार ने टीम के साथ जाकर बीमार मवेशियों का इलाज किया। 267 मवेशियों को वैक्सीनेशन किया। वही पलटूपुर, अढ़ावल, ललौली गांव में संक्रामक बीमारी फैलना शुरू हो गई है। यहां पर लोग सर्दी, जुकाम, बुखार, खासी, खुजली से परेशान हैं। स्वास्थ्य टीम में सीएचओ आलोक, गिरिराज, फार्मासिस्ट मनीष कुमार सिंह ने मरीजों की जांच की। साथ ही बीमार 40 लोगों को दवाएं बांटी। साथ ही नायब तहसीलदार विकास पांडेय टीम के साथ पीएसी जलपुलिस मोटरबोट से बाढ़ पीड़ित परिवारों से मिले और भोजन के पैकेट बांटे। यमुना नदी के बाढ़ से असहट, नरौली चारों तरफ से घिरे हैं। कई दिनों से यहां के लोग गांव में कैद हैं। आवागमन बंद है। रविवार को जलस्तर स्थिर होने पर गांव के कुछ लोग नाव से कस्बा आए और खाने की सामग्री खरीदी। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नाव से बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचकर शिविर लगाया। एसडीएम मनीष कुमार ने बाढ़ क्षेत्र का निरीक्षण किया। राजस्व टीम ने राहत शिविर बनाने के लिए बाढ़ पीड़ितों को तिरपाल बांटे।

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