कौशाम्बी। यमुना का जलस्तर बढ़ने से चायल तहसील में किलनाहाई नदी उफान पर है। इससे सैकड़ों बीघे फसल जलमग्न हो गई है। इसे लेकर तराई क्षेत्र के ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।चायल तहसील के किलनहाई नदी में यमुना का पानी आ रहा है। इस वजह से नदी उफान पर है। कटैया, मल्हीपुर, पिपरहटा व भखंदा गांव में सैकड़ों बीघे फसल जलमग्न हो गई है। मल्हीपुर के हरीलाल, पितई, राजकरन, रामनेवाज, भगौती प्रसाद समेत कई किसानों ने बताया कि यमुना में बाढ़ से अरहर, बाजरा, तिल, सफेद कद्दू व मिर्चा की फसल बर्बाद हो गई है। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ से निपटने के लिए डीएम सुजीत कुमार ने राहत चौकियां को सक्रिय कर दिया है। उधर एक्सईएन सिंचाई जगदीश लाल का कहना है कि रविवार को यमुना के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल, जिले में बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। यमुना में बाढ़ के पानी से तीसरे दिन भी सदर तहसील के बड़हरी गांव का प्रमुख मार्ग डूबा हुआ है। यहां के ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। नदी का पानी देवरी, ठाकुर का पूरा व तरमौरा गांव के करीब पहुंच चुका है। एसडीएम सदर प्रखर उत्तम के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक व लेखपाल ने तीनों गांवों का भ्रमण किया। सामुदायिक भवन को सुरक्षित करा दिया गया है। यदि पानी और बढ़ा तो गांव के लोग सामुदायिक भवन में अपना ठिकाना बनाएंगे। संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए सभी एसडीएम को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। बाढ़ से डूबी किसानों की फसल का राजस्व कर्मियों से सर्वे कराया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित किसानों को मुआवजा भी मिलेगा। -