पूर्व ग्राम विकास अधिकारी के मूर्खता का दंश झेल रहे बरौलहा गांव के ग्रामीण
कौशांबी ।नेवादा विकासखंड के बरौलहा गाँव मे सरकारी धन का निजीकरण कर लिया गया है। जिसमें पूर्व के ग्राम विकास अधिकारी की सरकारी धन को हड़पवाने की योजना स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के समस्त गांवों को सामुदायिक शौचालय देकर स्वच्छता मिशन को बढ़ावा दिया है। जिस मिशन के तहत समस्त गाँवो में लाखों की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। इसी तरह नेवादा विकासखंड के बरौलहा गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया है। जिस शौचालय का निर्माण पूर्व ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश सोनी द्वारा पूर्व ग्राम प्रधान के भूमिधर भूमि में करा दिया है। जिससे सामुदायिक शौचालय पर ग्राम प्रधान का कब्जा रहा करता है। और ग्रामीणों को उपयोग नहीं करने दिया करता है। ग्रामीणों की माने तो आज तक गांव का एक भी ग्रामीण गांव में बने सामुदायिक शौचालय का उपयोग नहीं कर सका है। जो सामुदायिक शौचालय को हड़पने की एक योजना के तहत मूर्ख ग्राम विकास अधिकारी ने पूर्व प्रधान की भूमि धरी भूमि पर निर्माण करा कर यह स्पष्ट कर दिया है । और ग्रामीणों को सरकार की योजना के लाभ से वंचित कर दिया है। ऐसे भ्रष्ट ग्राम विकास अधिकारी को पंचायती राज अधिकारी बाल गोविंद श्रीवास्तव की रिपोर्ट पर सस्पेंड भी कर दिया गया है। जिसको जिला अधिकारी ने संज्ञान लेकर जनरेटर के गमन के मामले में एफ आई आर चारवा थाने में दर्ज करवाया है। जिसके बाद भी जनपद के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा मूर्ख ग्राम विकास अधिकारी को विकासखंड चायल में नियुक्त कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है।