सिराथू,मंझनपुर,भरवारी सहित कई कस्बो में तैयारिया पूरी
कौशाम्बी। विध्नहर्ता भगवान गणेश के जन्मोत्सव की तैयारिया पूरी हो चुकी है। जिले के विभिन्न स्थानो पर बनाये गये पूजा पाण्डालो में बुधवार की सुबह से भगवान गणपति विराजमान हो जायेगे। एक सप्ताह तक चलने वाले गणेश उत्सव को लेकर भक्तो में खासा उत्साह देखा जा रहा है। सिराथू,मंझनपुर, भरवारी, सरायअकिल, मनौरी,अझुवा सहित कई स्थानो पर भगवान गणपति का पूजा पंण्डाल सजकर तैयार हो गया है। जहां बुधवार की सुबह से ही उनकी अराधना शुरू हो जायेगी। गौरतलब हो कि शिवपुराण के अनुसार माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपनी मैल से एक बालक को उत्पन्न करके उसे अपना द्वारपाल बना दिया। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से भयंकर युद्ध किया परंतु संग्राम में उसे कोई पराजित नहीं कर सका। अन्ततोगत्वा भगवान शंकर ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सर काट दिया। इससे भगवती शिवा क्रुद्ध हो उठीं और उन्होंने प्रलय करने की ठान ली। भयभीत देवताओं ने देवर्षिनारद की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया। शिवजी के निर्देश पर विष्णु जी उत्तर दिशा में सबसे पहले मिले जीव (हाथी) का सिर काटकर ले आए। मृत्युंजय रुद्र ने गज के उस मस्तक को बालक के धड पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। माता पार्वती ने हर्षातिरेक से उस गजमुख बालक को अपने हृदय से लगा लिया और देवताओं में अग्रणी होने का आशीर्वाद दिया। ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने उस बालक को सर्वाध्यक्ष घोषित करके अग्रपूज्य होने का वरदान दिया। भगवान शंकर ने बालक से कहा-गिरिजानन्दन! विघ्न नाश करने में तेरा नाम सर्वोपरि होगा। तू सबका पूज्य बनकर मेरे समस्त गणों का अध्यक्ष हो जा। गणेश्वर!तू भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा के उदित होने पर उत्पन्न हुआ है। इस तिथि में व्रत करने वाले के सभी विघ्नों का नाश हो जाएगा और उसे सब सिद्धियां प्राप्त होंगी।