देश

national

आदेश के बावजूद भी प्रधान के खिलाफ नहीं हुयी कार्यवाही

Monday, August 29, 2022

/ by Today Warta



ग्रामीणों ने फिर लामबंद होकर डीएम को भेजा ज्ञापन

ललितपुर। ब्लाक बिरधा की ग्राम पंचायत झरकौन में प्रधान द्वारा विकास कार्यों में बरती गयीं अनियमित्ताओं और मनरेगा योजना में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया था, जिसमें प्रधान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराये जाने के निर्देश दिये गये थे। मामले में आज तक कार्यवाही न होने से क्षुब्ध ग्रामीणों ने सोमवार को फिर से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर कार्यवाही की मांग उठायी है।ज्ञापन में ग्रामीणों ने डीएम को अवगत कराया कि ब्लाक बिरधा ग्राम पंचायत झरकौन के निवासी है कि वर्तमान में ग्राम पंचायत झरकौन के ग्राम प्रधान जगदीश सिंह है। बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम के समस्त विकास कार्यों व मनरेगा कार्यों में भारी भ्रष्टाचार व अनियमित्ताऐं कर सरकारी धन को हडपा जा रहा था, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा 09 जून 2021 को ग्राम झरकौन में औचक निरीक्षण किया था। ग्राम में चल रहे मनरेगा कार्य में भारी अनिमित्ताऐं पाई थी, तथा जेसीबी मशीन द्वारा मनरेगा अन्तर्गत कार्य कराया जा रहा था। जिस पर तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा उक्त ग्राम प्रधान व अन्य सहयोगी कर्मचारियों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ग्राम प्रधान निलम्बित करने की कार्यवाही की गयी थी। धारा 420, 467, 468, 471 ता.हि. में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि ग्राम प्रधान के निलम्बन के बाद 3 सदस्य कमेटी गठित की गयी थी। किन्तु उक्त ग्राम प्रधान अपने सहयोगी कर्मचारियों व अधिकारियों की मिली भगत से स्वयं को बहाल कराने की फिराक में हैएवं ग्राम प्रधान के द्वारा गांव में समस्त ग्राम वासियों को तरह तरह से धमकाया जा रहा है तथा कहा जा रहा है कि जिसने जांच के दौरान मेरे विरूद्ध कोई बयान दिया तो उसको गांव में नहीं रहने दिया जायेगा और जान से खत्म कर दिया जायेगा जिससे गांव वासियों में काफी भय व्याप्त है तथा ग्राम वासियों में भारी आक्रोश है। जिसके सम्बन्ध में ग्रामीण प्रधान को पद से हटाने हेतु पत्र दे चुके है किन्तु अधिकारी जांच की कहकर बात टाल ग्रामवासियों के द्वारा जनपद के उच्चाधिकारियों को उक्त प्रकरण में भ्रष्ट प्रधान को देते हैं। इसके सम्बन्ध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में वाद दायर किया गया था, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा पुन: जांच के आदेश दिये गये थे जिसमें जांच अधिकारी व विभागीय अधिकारीयों से दोषियों द्वारा सांठ गांठ कर लिया गया है। आरोप है कि विभागीय अधिकारी उक्त दोषी ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक के पक्ष में जांच कर उन्हें निर्दोष साबित करने में लगे है, इसके साथ ही उच्च न्यायालय के आदेशनुसार तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा तीन सप्ताह में निष्पक्ष जांच कर आख्या प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया था जिसमें जिला उद्यान अधिकारी व जिला विकास अधिकारी को 18 अप्रैल 2022 में जांच अधिकारी बनाया गया था। किन्तु लगभग 4 माह व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी जांच आख्या प्रस्तुत नहीं की गयी तथा अधिकारी दोषियों को निर्दोष साबित करने की फिराक में है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा सपा शासन में भी ग्राम प्रधान के पद पर रहा है जो ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार कर लाखों रूपयों सरकारी धन को हडप कर गया है ऐसी स्थिति में उक्त ग्राम प्रधान व संलिप्त कर्मचारियों को पद से हटाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। ज्ञापन देते समय क्षेत्र पंचायत सदस्य संजीव कुमार, जसवंत राजपूत, दीपू, पवन, चालीराजा, कमलेश, रामसेवक, सतेन्द्र सिंह राजपूत, मनोहर, सुमित, यशवंत, दिनेश अहिरवार, दीपचंद्र अहिरवार, राजेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।

Don't Miss
© all rights reserved
Managed by 'Todat Warta'