देश

national

यूपी में गंगा-यमुना उफान पर, लाखों गांव बाढ़ से घिरे

Monday, August 29, 2022

/ by Today Warta


प्रयागराज। गंगा केतटवर्ती मंदिरों, मार्गों और भवनों के ऊपर से गंगा बह रही है। बड़े हनुमान मंदिर का परिसर पूरी तरह जलमग्न हो गया है। अब हनुमान मंदिर की सिर्फ पताका ही नजर आ रही है। गंगा-यमुना के कछार में अब तक करीब पांच लाख से परिवार बाढ़ की चपेट में आ चुकेहैं। बाढ़ से घिरे घरों को छोड़कर राहत शिविरों में या फिर रिश्तेदारों के यहां शरण लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। 

गंगा-यमुना की बाढ़ की वजह से हर तरफ जलाप्लावन की स्थिति बन गई है। रविवार को गऊघाट इलाके में भी कई मकानों की पहली मंजिल डूब गई। कहीं टीवी के सिर्फ एंटीना नजर आ रहे हैं तो कहीं छतों पर गृहस्थी बचाने की जद्दोजहद में जुटे लोग। दो दर्जन से अधिक कॉलोनियां जहां जलमग्न हो गई हैं। वहीं, सैकड़ों परिवारों ने राहत शिविरों में शरण ले ली है।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से रात आठ बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक गंगा-यमुना एक-एक सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही हैं। इस अवधि तक फाफामऊ में गंगा 85.83 मीटर और नैनी में यमुना भी 85.83 मीटर पर बहती रहीं। इन स्थानों पर खतरे के निशान 84.73 मीटर से 1.10 मीटर ऊपर बह रही हैं। हालांकि यमुना की सहायक नदियों केन ,बेतवा और चंबल के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है। लेकिन, गंगा में बैराजों से रविवार को भी पानी छोड़ा गया। हरिद्वार बैराज से 38,448 क्यूसेक, नरोरा बैराज से 28,701 क्यूसेक और कानपुर बैराज से 1,28,396 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़े जाने की सिंचाई बाढ़ खंड के अफसरों ने पुष्टि की। कहा जा रहा है कि अगर पहाड़ों पर फिर तेज बारिश नहीं हुई और जल दबाव फिर से नहीं बढ़ा तो अगले 24 घंटे में गंगा-यमुना शांत हो सकती हैं। गंगा-यमुना की रफ्तार में लगतार कमी दर्ज की जा रही है। जिस तरह ऊपर से जल दबाव कम हो रहा है, उससे सोमवार की दोपहर तक जलस्तर स्थिर होने की उम्मीद है। 

एनडीआरएफ, पीएसी ने संभाली कमान

बाढ़ का दायरा बढ़ने के साथ प्रशासन ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। एनडीआएफ एवं एसडीआरएफ की एक-एक टीम लगाई गई है। दो कंपनी पीएसी लगाई गई है। 20 आश्रय स्थल बनाए गए हैं। इनमें से पांच आश्रय स्थल एनी बेसेंट (300 से अधिक), मेहबूब अली इंटर कॉलेज (200 से अधिक), ऋषिकुल (181), स्वामी विवेकानंद, कैंटोनमेंट मैरिज हाल (300) फुल हो गए हैं।

Don't Miss
© all rights reserved
Managed by 'Todat Warta'