बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के लगभग एक साल बाद उनके शयन कक्ष को गुरुवार को खोल दिया गया। सीबीआई, पुलिस, प्रशासन और बैंक अफसरों की मौजूदगी में सुपुर्दगीनामा महंत बलवीर गिरि को दिया गया। कमरे की चाभी महंत बलवीर गिरि को सौंप दी गई है। वह दो-तीन दिन में इस कक्ष में प्रवेश करेंगे। हालांकि जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की थी वह कमरा नहीं खुल सका।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत नरेंद्र गिरि के शयन कक्ष की चाभी सुपुर्द करने से पहले वह सभी सामान मिलाए गए जो उनके कमरे में थे। मौके पर मौजूद सूत्रों की मानें तो महंत के कमरे में तीन करोड़ रुपये नकद, एक वसीयत, जो वर्तमान महंत बलवीर गिरि के ही नाम पर है, के साथ ही 13 कारतूस, करोड़ों के जेवरात और 10 क्विंटल देशी घी मिला है।