फसलें गिरने से किसान चिंतित, उत्पादन होगा प्रभावित
कौशाम्बी। मंगलवार की रात वर्षा के साथ चले तेज हवाओं के झोंके से धान और बाजरे की फसल गिर गई है। फसलें गिरने से किसान चिंतित हैं। उनकी जमा पूंजी और कड़ी मेहनत से तैयार फसल गिरने से प्रभावित हो रही है। फसल खराब होने से किसान चिंतित हैं। इससे किसानों की लागत निकलने की संभावना भी नहीं दिख रही है। अब किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी। रविवार से लगातार हो रही वर्षा किसानों के लिए जहां अमृत साबित हुआ वहीं साथ चली हवा के झोले किसानों को मायूसी भी दे रही है। चायल तहसील क्षेत्र में मंगलवार की रात वर्षा के साथ चले तेज हवाओं के झोंके से धान, बाजरे और ज्वार की फसलें गिर गए। कसेंदा के किसान रंजीत यादव, बरमदीन, सुग्गी लाल, शिवलाल, लक्ष्मण यादव आदि ने बताया कि उनकी 20 बीघा से अधिक धान और कई बीघा ज्वार, बाजरे की फसलें गिर गई है। किसान उमेश कुमार, रामभवन ने कहा की उनकी धान बाजरे के साथ मिर्च की फसलें भी गिर कर खबर हो गई है। बूंदा गांव निवासी किसान रामचंद्र, राम प्रसाद ने बताया कि उनके गांव में किसानों ने तिल की कई बीघा खेती किया है। वर्षा और हवाओं से तैयार तिल समेत अन्य फसलो को नुकसान पहुंचा है। चंद्रसेन गांव के गुड्डू, नीरज, संदीप सिंह ने कहा की वर्षा धान के लिए लाभकारी है लेकिन हवाओं से गिरी फसलों से आनाज के पैदावार में कमी आने की संभावना है। यदि पैदावार में कमी हुई तो किसानों को खेती से मिलने वाला मुनाफा नहीं होगा। इसे लेकर किसान चिंतित हैं। क्षेत्र के सिकंदरपुर आइमा, समदा, बालीपुरटाटा, जवाई, उमरवाल आदि गांव में भी तैयार धान और ज्वार बाजरे की कई बीघा फसलें गिर गई हैं। कृषि वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वर्षा से जो फसल गिरी है। उसमें फसल का उत्पादन बेहत नहीं होगा। लेकिन अभी भी मौसम में बदलाव होता है तो उत्पादन में सुधार हो सकता है। बताया कि फसल गिरने से करीब 30 फीसद उत्पादन प्रभावित होगा।