राजेंद्र प्रसाद मिश्रा
बारा प्रयागराज। बारा तहसील क्षेत्र में प्रयागराज पावर जनरेशन कम्पनी,लिमिटेड (पीपीजीसीएल) स्थित होने के बावजूद बारा, शंकरगढ़,लालापुर, भीटा आदि पॉवर हाउस आये दिन अंधेरे में डूबे रहते हैं।तो जब पॉवर हाउस ही अंधेरे में है तो क्षेत्र में रोशनी की उम्मीद करना, बेईमानी है।लेकिन एक बात यह समझ से परे होती जा रही है कि इतने बड़े थर्मल पावर स्टेशन पर संरक्षण किसका है जो कि बारा क्षेत्र के किसानों की जमीन औने पौने दामों में खरीदकर बारा क्षेत्र को बिजली की सप्लाई नहीं कर रहा है ?
इसी को कहा जाता है,"चिराग तले अँधेरा," कई अन्य जनपदों में बिजली सप्लाई देने वाला बारा में ही स्थित प्रयागराज पावर प्लांट अपने क्षेत्र में बिजली सप्लाई नहीं कर पा रहा है। हमारे संसाधनों का दोहन, हमारी जमीनों का उपयोग करने के बाद भी हमें ही बिजली आपूर्ति नहीं । जिस समय पॉवर प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा था, औने पौने दामों में किसानों की जमीनों को खरीदा गया और तब ये लुभावने वायदे किये गए थे कि इस क्षेत्र से 12 किमी की परिधि में मुफ्त बिजली उपलब्ध होगी। आखिर वे लुभावने वायदे कहाँ गये, यहाँ उत्पादित बिजली कहाँ जा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर बारा की जनता जाग उठी तो पॉवर प्लांट के जिम्मेदार अधिकारियों को इसका जवाब देना ही होगा। बारा क्षेत्र बिजली व्यवस्था से बहुत परेशान हो गया है।