कौशाम्बी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 9 चित्रा शर्मा ने मो0 पुर पइंसा थाना क्षेत्र के नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास से दंडित किया है। आरोपी के खिलाफ कोर्ट ने पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जिसकी वसूली होने पर सम्पूर्ण धनराशि पीड़िता को दिलाने का निर्देश दिया गया है। अभियोजन के अनुसार मो0 पुर पइंसा थाना क्षेत्र के एक गांव में 26 नवंबर 2016 को 8 बजे सुबह अपनी दस साल की लड़की को घर में छोड़ करके अमरूद तोड़ने गई थी। तभी पड़ोस का बब्बू पुत्र मास्टर वादी की नाबालिग लड़की को अपने घर घसीट ले गया और उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने लगा। लड़की के शोर मचाने पर वादी ने मौके पर पहुंच कर अपनी नाबालिग बेटी की इज्जत बचाई थी। आरोपी मौके से भागने में सफल रहा। घटना में लड़की के कपड़े फट गए थे और उसके शरीर पर चोट भी आई थी। मामले में पीड़िता की मां की तहरीर पर थाना मोहम्मदपुर पइंसा थाना में दुष्कर्म करने के प्रयास का नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना के बाद थाना पुलिस ने आरोपी बब्बू के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास का आरोप पत्र दाखिल किया गया था। मामले का परीक्षण अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 9 में किया गया। राज्य सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार चैधरी ने वादी मुकदमा एवं पीड़िता समेत घटना के सुसंगत गवाहों को अदालत में पेश करके गवाही कराई। बहस करते हुए उन्होंने आरोपी पर दुष्कर्म के प्रयास का मामला साबित बताते हुए कठोर सजा सुनाने की अपील की। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने आरोपी को निर्दोष बताते हुए सजा में नरमी बरतने का अनुरोध किया। दोनों ओर से की गई बहस को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चित्रा शर्मा ने आरोपी बब्बू को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए तीन वर्ष की कैद व पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।