कौशाम्बी। एससीएसटी एक्ट व मारपीट के मामले में 16 साल तक चली न्यायिक प्रक्रिया में सोमवार को विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट राकेश कुमार की अदालत ने आरोपित पिता-पुत्र को दोषमुक्त कर दिया। जबकि तीसरे आरोपित की मुकदमे के दौरान मौत हो चुकी है। अभियोजन के अनुसार चरवा के दनियालपुर निवासी संतलाल अपने पुत्र को स्कूटर पर बैठाकर मनौरी स्कूल जा रहा था। आरोप था कि स्कूटर को रास्ता न देने के कारण उनका महमदपुर निवासी शिव मंगल, संतोष व आशीष से विवाद हो गया। विवाद के दौरान तीखी नोकझोक भी हुई। संतलाल ने शिवमंगल व उनके बेटे संतोष समेत आशीष पर मारपीट करने व जाति सूचक शब्दों के प्रयोग का मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायलय में पेश किया। बचाव पक्ष की ओर से तीरथ सिंह यादव व केडी सिंह ने अपने तर्क रखे। सोमवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई। न्यायालय ने 16 साल बाद आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष करार दिया और दोनों को बरी कर दिया। जबकि तीसरे आरोपित आशीष की मौत हो चुकी है।