सुविधाओं का रोना रोते दिखते हैं मरीज व उनके तीमारदार
संयुक्त जिला चिकित्सालय जिले की बडी अस्पताल मानी जाती है। शायद यही वजह है कि इस अस्पताल में जिले के दूर-दूर से मरीज इलाज के लिए आते हैं लेकिन मरीजों के तीमारदार तब परेशान हो जाते हैं जब उन्हें सुविधाओं का टोटा नजर आता है। तीमारदारों की बातों पर यकीन करें तो कहा जा रहा है कि यदि गंभीर रोगी है और वह चल नहीं सकता तो उसे स्ट्रेचर में बैठा कर फिर लिटाकर ले जाने वाला कोई नहीं मिलता है। इस तरह से समय पर चिकित्सक भी नहीं मिलते हैं अंतत: इन सुविधाओं के अभाव में मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाने के लिए विवश रहते हैं। यहां बताना जरूरी होगा कि संयुक्त जिला अस्पताल वैसे तो मरीजों की भीड रहती है। जिले के अलावा सडक हादसा के तमाम मरीजों का भी आना जाना रहता है। शुक्रवार को सडक हादसा का एक मरीज निवासी जिसके पैर में गंभीर चोट आई। उसके तीमार हैरान परेशान थे। मरीज के तीमारदारों का आरोप है कि मरीज की हालत गंभीर होने पर वह चल नहीं सकता था इसलिए उसे स्ट्रेचर में लिटाकर ले जाना था लेकिन जिले की बडी अस्पताल होने के बाद भी वहां तैनात कर्मचारी मरीज को ले जाने के लिए मुहैया नहीं थे। इसे लेकर मरीज व उनके तीमारदारों में आक्रोश देखा जा रहा है।