भोपाल। विधानसभा घेराव करने के लिए एकत्रित हुए शिक्षकों को पुलिस ने भोपाल के बाहर ही नजरबंद कर दिया. इससे आक्रोशित सभी अध्यापक नारेबाजी करते रहे. पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति, पदोन्नति और समयमान वेतनमान की मांग को लेकर ये सभी मंगलवार को भोपाल में जुटे. भोपाल के पास सुखी सेवनिया और चोपड़ा गांव में इनके जमा होने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था. दोपहर 12 बजे ये सभी रैली निकालकर विधानसभा की ओर घेराव करने निकलना चाहते थे. लेकिन उसके पहले ही प्रशासन और पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
पुलिस से झूमाझटकी : पुलिस के रोकने से आक्रोशित शिक्षक वहीं बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान पुलिस से भी इनकी झूमाझटकी हुई. अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल का कहना है कि सरकार बार-बार अध्यापकों के साथ छलावा कर रही है. मंगलवार को विधानसभा के घेराव और हड़ताल को लेकर भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने लेटर जारी कर दिया है. हड़ताल में शामिल शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही गई है.
आंदोलन को रोकने की कोशिश : सरकार अध्यापकों की आवाज दबाना चाहती है. पटेल का कहना है कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एक साल का समय बचा है. ऐसे में 2018 से सभी अध्यापक पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं दे रही. क्योंकि प्रक्रिया में 6 से 8 महीने लगते हैं, इसलिए सरकार को अभी से इनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।

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