खतरनाक तरीके से गिर रहा जल स्तर
राकेश केशरी
कौशाम्बी। अति दोहन से भूजल का स्तर खतरे के निशान पर पहुंच रहा है। तालाब, कुएं, नदी-नालों के अस्तित्व मिटने और सबमर्सिबल पंपों से पानी की बूंद-बूंद निचोड़ने से भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। लगातार घट रहे वन क्षेत्र और बारिश की कमी भविष्य में भयानक सूखे का संकेत दे रहे हैं। गंगा व यमुना नदी के दोआब क्षेत्र में 16 लाख की आबादी वाले जनपद कौशाम्बी में धरती की कोख दिनों-दिन खाली हो रही है। पिछले एक दशक में भूगर्भ से पानी के दोहन के प्रतिशत में 25 गुना का इजाफा हुआ है, जिले में 37 हजार बोरिग से प्रतिदिन करोड़ों गैलन पानी निकाला जा रहा है। दैनिक उपयोग में भी पानी की खपत में कई गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरसवां ब्लाक के कई गावों में सिचाई ही नहीं पीने के पानी पर भी संकट मंडरा रहा है। भूगर्भ जल विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भूजल का स्तर 95 सेंटी मीटर प्रतिवर्ष गिर रहा है। कई स्थानों पर तो भूजल का स्तर 200 फुट से भी ज्यादा तक पहुंच गया है। इससे लोगों को पीने के पानी का संकट पैदा होने लगा है। भूजल रिचार्ज करने का सबसे बड़ा स्त्रोत कुएं, तालाब, नदी और नाले हैं। कुओं का अस्तित्व तो मिट चुका है और तालाब अवैध कब्जों की भेंट चढ़ गए। इनमें ही बरसात का पानी इकट्ठा होता था और जमीन के अंदर रिस-रिस कर जाता था। इसी तरह से अवैंध खनन के चलते यमुना नदी का अस्तित्व भी खतरे में है। जनपद वासियो का कहना है कि भूजल के बेतहाशा दोहन से जल संकट पैदा हुआ है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अंधाधुंध सबमर्सिबल चलने से अधिकांश पानी बर्बाद हो रहा है।
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पाउच की कहानी, नहीं थम रही मनमानी
जिले में आरओ प्लांट के मिनरल वाटर के साथ ही कम दामों में मिलने वाले पानी पाउच का धंधा भी धड़ल्ले से फल फूल रहा है। मुख्यालय मंझनपुर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-बड़े दुकानों समेत होटलों पर पैक पानी पाउच दो से तीन रुपये में बेचे जा रहे हैं। यही नहीं पतली पॉलीथिन में दूषित पानी भरकर खुलेआम बेचा जाता है। हलक तर करने के लिए लोग इसे खरीद कर पीते हैं। पाउच मशीन संचालक पानी के नाम पर लोगों को जहर परोस रहे हैं। गिनती की दुकानों पर ही आइएसआइ मार्का वाला पानी पाउच उपलब्ध रहता है, जबकि आइएसआइ मार्का न होने पर पानी बिक्री करने पर पांच लाख तक जुर्माना का प्रावधान है। बावजूद इसके जिम्मेदार अफसर जहर के इन व्यापारियों पर हाथ डालने से कतरा रहे हैं।
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प्रतिबंध के बाद भी व्यापार जोरों पर
सुप्रीम कोर्ट ने पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है, बावजूद इसके प्लास्टिक के पाउच में पानी की बिक्री बदस्तूर जारी है। जिले के सिराथू, भरवारी,मंझनपुर,करारी,सरायअकिल, चायल,तिल्हापुर,मूरतगंज आदि बाजारों में पाउच में पानी बेचा जाता है। इससे प्लास्टिक के नुकसान के साथ ही दूषित पानी लोगों के लिए जहर से कम नहीं है। जिले में पानी पाउच बेचने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा विभाग कभी-कभार अभियान चलाकर कार्रवाई करता है, लेकिन इस पर पूरी तरह रोक नहीं लग पा रही है। विभागीय अधिकारी मौके से पाउच जब्त कर संबंधित पर थोड़ा-बहुत जुर्माना कर देते हैं, लेकिन अगले दिन से धंधा फिर शुरू हो जाता है।