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भव्य शिक्षक आयोजन में किया गया गुरुजनों को सम्मानित

Monday, September 5, 2022

/ by Today Warta

 


सुल्तानपुर: संकट मोचन एस एस इण्टर कॉलेज कूरेभार सुल्तानपुर के प्रांगण में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस और जन चौपाल के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सुल्तानपुर सांसद माननीया मेनका संजय गांधी उपस्थित रहीं। और मौजूद रहे सेक्टर संयोजक श्याम राज सिंह।   बताते चलें कि भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद्, महान दार्शनिक, भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति, भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है और गुरुओं का सम्मान किया जाता है।  उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सुभाष इंटर कॉलेज पलिया के सेवानिवृत्त शिक्षक पारसनाथ सिंह ने किया और शैलेश ने मंच का कुशल संचालन किया। मां सरस्वती के पूजनोपरांत शिक्षा जगत में ज्ञान ज्योति बिखेरने वाले सेवानिवृत्त और वर्तमान कार्यरत सैकड़ों गुरुजनों को कालेज के छात्र बंधु और छात्रा बहनों ने तिलक, पुष्प अर्पण, आरती कर अंग वस्त्र,मिष्ठान, कलम भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। जिसका संयोजन प्रबंधक- सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रधानाचार्य- जेपी वर्मा, अध्यक्ष- अमरेज बहादुर सिंह ने किया। कमेटी के सदस्य गण,कॉलेज परिवार के कर्मचारी गण आदतों का स्वागत करते नजर आए। एक ओर जहां छात्र-छात्राओं ने गुरुओं के सम्मान में कविताएं पढ़े, वहीं सम्मानित गुरुओं ने अपने संबोधन में डॉ राधाकृष्णन के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा के प्रति उत्साह बर्धन कर विद्यार्थियों के सुखद भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।  माननीया सांसद महोदया द्वारा शिक्षकों को संकट मोचन शिक्षा गौरव सम्मान और पाठ्य पुस्तक लेखन, साहित्य सेवा के लिए शिक्षक रामरती इंटर कॉलेज द्वारिका गंज सुल्तानपुर को साहित्य शिक्षा मार्तंड सम्मान तथा साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में राज बहादुर राना को लेखनी भूषण सम्मान का सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। दामोदर प्रसाद ने तिरंगे में छुपे देश प्रेम, शिक्षा, ज्ञान के माध्यम से बच्चों के अंतर में भाव उभारने के लिए शिक्षक की भूमिका पर बल दिया। वहीं साहित्यकार सर्वेश कांत वर्मा ने गुरुओं के सम्मान में कविता-सृष्टि की सब ऋचाएं तुम्हारे लिए, पढ़ा और गुरु को भगवान के दर्जे पर प्रतिष्ठित करते हुए कहा- जहां भी  कोई खड़ा है वह किसी न किसी गुरु की देन है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में पूर्व शिक्षक पारसनाथ सिंह ने सबका आभार व्यक्त करते हुए अपने पद की गरिमा को ध्यान रखते हुए शिक्षक के पद निर्वहन के लिए समर्पित भाव से आवाहन करते हुए समापन किया।

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