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कुरान का हर शब्द धार्मिक, लेकिन उसे मानना अनिवार्य नहीं : कर्नाटक सरकार

Wednesday, September 21, 2022

/ by Today Warta



नई दिल्ली। कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच में सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार ने कहा कि कुरान का हर शब्द धार्मिक है, लेकिन उसे मानना अनिवार्य नहीं है। राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने गौकशी पर कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हिजाब पर मैं कुछ साझा करना चाहता हूं। मैं लाहोर हाईकोर्ट के एक जज को जानता हूं, जो भारत आया करते थे। उनकी दो बेटियां भी थी, लेकिन मैंने कभी उन बच्चियों को हिजाब पहनते नहीं देखा। इतना ही नहीं, मैं पंजाब से लेकर पटना और यूपी तक कई मुस्लिम परिवारों से मिला पर आज तक किसी महिला को हिजाब पहने नहीं देखा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि हिजाब का विवाद धार्मिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस केस को संवैधानिक बेंच में भेजा जाए। याचिकाकर्ता की दलील थी कि छात्राएं स्टूडेंट्स के साथ भारत के नागरिक भी हैं। ऐसे में ड्रेस कोड का नियम लागू करना उनके संवैधानिक अधिकार का हनन होगा।


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