लालापुर प्रयागराज। हाई कोर्ट इलाहाबाद के एडवोकेट आर के पाण्डेय ने अधिवक्ता संगठनों से मांग किया है कि वह अधिवक्ताओं से वसूली के बजाय आम अधिवक्ताओं के लिए सुविधाएं बढ़ाएं।
जानकारी के अनुसार वरिष्ठ समाजसेवी अधिवक्ता आर के पाण्डेय के नेतृत्व में तमाम अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश पहुंचकर सीओपी नवीनीकरण शुल्क वृद्धि का विरोध किया। इस अवसर पर आर के पाण्डेय ने कहा कि 2 वर्ष के विश्वव्यापी कोरोना संकट काल में सबसे ज्यादा प्रभावित आम अधिवक्ता रहा है जिससे वह आज तक उबर नहीं सका है और ऊपर से सीओपी नवीनीकरण शुल्क रुपए 100 से बढ़ाकर 500 कर दिया जाना सर्वथा अनुचित है जिसे तत्काल वापस लिया जाए। आर के पाण्डेय ने बताया कि आज भी विभिन्न न्यायालयों में प्रैक्टिस कर रहे हजारों रजिस्टर्ड अधिवक्ता के बैठने की व्यवस्था बार नही कर सकी हैं। उन्होंने कहा कि एशिया के सबसे बड़े न्याय के मंदिर हाई कोर्ट इलाहाबाद में लगभग 20 से अधिक समय से प्रेक्टिस कर रहे तमाम अधिवक्ताओं के नाम चैंबर एलॉटमेंट नहीं हैं जबकि विश्व के सबसे बड़े रजिस्टर्ड संगठन अधिवक्ताओं तथा उनके परिवारीजनों के इलाज की कोई भी समुचित व्यवस्था तक नही है जबकि न्यायालयों तथा सरकार को सर्वाधिक राजस्व की प्राप्ति अधिवक्ताओं के जरिए ही प्राप्त होती है और अधिवक्ता समाज ही स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक राष्ट्रहित, समाजहित के मुद्दों पर सदैव आगे रहकर अपनी सेवाएं देता रहा है। ऐसे में आम अधिवक्ता से वसूली के स्थान पर उसके लिए बेहतर सुविधा की कार्य योजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है।