पानी की टंकी से घंटाघर होते हुए नेहरू महाविद्यालय तक की सड़क की स्थिति बेहद दयनीय : बु.वि.सेना
सड़कों पर उडऩे वाली धूल के कारण दमा, ब्रोन्काईटिस, एलर्जी और चर्मरोगों के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ
बु. वि. सेना ने जिला प्रशासन को उग्र आन्दोलन छेडऩे कि चेतावनी दी
ललितपुर। बु.वि.सेना की एक आवश्यक बैठक स्थानीय कंपनी बाग में सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू की अध्यक्षता में आहूत की गई। बैठक में ललितपुर शहर की प्रमुख वी.आई.पी. कही जाने वाली सड़क पानी की टंकी से घंटाघर सावरकर चौक से होते हुए नेहरू महाविद्यालय तक जाने वाली सड़क की बेहद दयनीय हालत पर गहरी चिन्ता व्यक्त की गई। सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू ने कहा कि बारिश के कारण यह सड़क पूरी तरह से छलनी हो चुकी हैं। ललितपुर शहर का हृदयस्थल कहे जाने वाले घंटाघर से सावरकर चौक होते हुए मवेशी बाजार की इस सड़क की हालत को देखकर शर्म महसूस होती है। इस सड़क के किनारे वाले दुकानदार उडऩे वाली धूल के कारण दमा, ब्रोन्काईटिस, सर्दी जुखाम, ऐलर्जी और चर्मरोगों से ग्रसित हो रहे हैं। धूल लोगों के फेफड़ों में जमने के कारण वो गम्भीर स्थिति में पहुंच रहे हैं। और शर्म की पराकाष्ठा तो तब होती है जब इस वीआईपी सड़क पर नित्य प्रतिदिन ललितपुर के जनप्रतिनिधियों के अलावा जिले के प्रभारी मंत्री के साथ-साथ प्रदेश के अन्य मंत्रीगण, बड़े से बड़े अधिकारी गुजरते रहते है और उनके कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। उन्होंने कहा कि गढ्डों के कारण कमरदर्द के रोगियों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है । इसके अलावा लोग दुर्घटनाओं के शिकार भी हो रहे हैं। बु. वि. सेना ने जिला प्रशासन से मांग की कि आने वाले नवरात्रि पर्व दशहरा तथा दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए अविलम्ब ललितपुर शहर की इस प्रमुख सड़क को दुरुस्त किया जायें। ताकि धर्माम्बलम्बी अपने पर्व को उत्साहपूर्वक मना सकें। मांगे नहीं माने जाने दशा में बु.वि.सेना उग्र आन्दोलन छेडऩे को बाध्य हो जायेगी। बैठक में राजमल बरया, महेन्द्र अग्निहोत्री, राजेन्द्र गुप्ता, सुधेश नायक, सिद्धार्थ शर्मा, राजीव पटवारी, कदीर खान, भगतसिंह राठौर, राजकुमार कुशवाहा, अमरसिंह बुन्देला, मुन्ना त्यागी, हरविन्दर सलूजा, विनोद साहू, संजय त्रिवेदी, प्रदीप पंडित, भैय्यन कुशवाहा, प्रदीप साहू, हनुमत, विक्की सोनी, पुष्पेन्द्र शर्मा, खुशाल बरार, नंदराम कुशवाहा, कामताप्रसाद शर्मा, अमित जैन आदि उपस्थित रहे।