अस्पतालों से गायब चिकित्सक और फार्मासिस्ट के बाद अब सीएमओ कार्यालय से भी गायब कर्मचारियों का दिया जा रहा है वेतन
राकेश केसरी
कौशाम्बी। जिले के स्वास्थ्य विभाग में घर बैठकर और निजी नर्सिंग होम चलाने वाले चिकित्सक और फार्मासिस्ट की लंबी फौज है जिन पर विभागीय अधिकारी मेहरबान है जिससे जिले के अस्पतालों की हालत बदतर है ड्यूटी से गायब रहने वाले चिकित्सकों और फार्मासिस्ट को प्रत्येक महीने आसानी से उनकी उपस्थिति दर्ज कर वेतन भी मिल रहा है लेकिन अब तो सीएमओ कार्यालय में तैनात कर्मचारी भी घर बैठकर वेतन लेना चाहते हैं जिन पर कार्यवाही होती नहीं दिख रही है मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी की चर्चा इन दिनों तेजी से हो रही है बताया जाता है कि वर्षों बीत जाने के बाद उक्त कर्मचारी विभाग की ड्यूटी पर तैनात नहीं रहता है स्वास्थ विभाग में ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मचारी की हकीकत देखने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे से फुटेज निकाल कर सच्चाई की जांच की जा सकती है लेकिन प्रत्येक महीने उसकी झूठे तरीके से उपस्थिति दर्ज करके उसे आसानी से वेतन दिया जा रहा है जिससे स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह लग गया है वेतन बनाने वाले कर्मचारी का आखिर ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मचारी से क्या लगाव हुआ है बिना ड्यूटी की उसका वेतन क्यों बनाया जा रहे हैं यह तमाम सवाल स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर खड़े हो गए है सवाल उठता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी सीएमओ कार्यालय में मौजूद रहते हैं लेकिन गायब कर्मचारी के बारे में उनको सुराग नहीं लग सका है जिससे उनकी भी लापरवाही सवालों के घेरे में है कर्मचारी को वेतन देने के मामले में यदि उच्च स्तरीय जांच कराई तो गायब कर्मचारी के साथ साथ वेतन बनाने वाले कर्मचारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भी मुसीबत बढ़ना तय हैं।