राकेश केसरी
चलो बुलावा आया है,माता ने बुलाया है, देबी गीतो से गुजायमान रहा वातावरण
कौशाम्बी। जिलें के कडाधाम स्थित मांता शीतला मंदिंर,मंझनपुर स्थित दुर्गा मंदिर,पश्चिमशरीरा स्थित झारखण्डी मांता मंदिर सहित अन्य देबी मंदिंरो व पूजा पंण्डाल में नवरात्र पर्व के चैथे दिन देबी भक्तों ने माँ कुष्माण्डा स्वारूप की पूजा-अर्चना की। जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। अत: ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है। इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं। इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है। माँ की आठ भुजाएँ हैं। अत: ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। इनके सात हाथों में क्रमश: कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है, और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है,संस्कृति में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैंै। माता कुष्माडा अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है। देबी के इस स्वारूप की सुबह से ही भक्त पूजा अर्चना में लीन रहे।
मंदिरों में कतार,मां के दर्शन को भक्त बेताब
गुरूवार को देवी मंदिरों में दर्शन करने की होड़ लगी रही। महिलाएं बच्चे व बुजुर्ग सभी मां के दर्शन को बेताब दिखे। सुबह शाम भक्तों की कतार दिखी। आरती के बाद हवन.पूजन का दौर चला। घरों में व्रत रख मां का अनुष्ठान किया गया। जगह.जगह जय माता दी के जयकारे गूंजते रहे। बच्चे बुजुर्ग भी मां की भक्ति में लीन नजर आए। धार्मिक कार्यक्रमों से जिले के नगर,कस्बें व ग्रामीण क्षेंत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा। कड़ा स्थित 51वीं शक्तिपीठ माता शीतला मंदिर में खासी भीड़ रही। यहां मन्नत पूरी होने पर दूर दराज से आए भक्तों ने प्रसाद,नारियल,चुनरी, साड़ी, घंटा चढ़ाया। वहीं मंझनपुर स्थित दुर्गा मंदिर में हवन आहुति डाली गईं। साथ में बच्चों के मुंडन कराए गए। भक्तों ने प्रसाद लिया। शमसाबाद कस्बें में नवदुर्गा समिति की तरफ से पंडाल पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर भक्तों का मन मोह लिया। श्री नवदुर्गा देवी कमेटी के तत्त्वावधान में बुधवार की रात्रि शारदीय नवरात्रि के तृतीय दिवस में शमसाबाद के दुगार्पुरी मोहल्ले में सूर्य पुत्र शनिदेव भगवान के दरबार की झांकी का प्रदर्शन बाल कलाकारों के माध्यम से प्रस्तुत की गई और झांकी की आरती व पूजन भक्तो के द्वारा की गई।
मां कुष्माण्डा की हुई पूजा अर्चना
शारदीय नवरात्र महोत्सव में देवी मंदिरों पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। शहर की राहों से देहात की पगडंडियों तक मां के जयकारे गूंज रहे हैं। गुरूवार को घर.घर मां कुष्माण्डा की पूजा की गई। नेजा चढ़ाने के लिए भक्तों की लाइन मंदिरों की राहों पर नजर आई।