राकेश केसरी
कौशाम्बी। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को गड्ढा मुक्त करने की मुहिम को चलाए हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारियों के द्वारा उनके मंसूबों में पानी फेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है तथा उनके द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद की अधिकांशत: सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं जिसका नमूना चरवा से भरवारी जाने वाली मार्ग में देखा जा सकता है सड़क में जगह जगह पर कई बड़े बड़े खतरनाक गड्ढे हैं कि जिसमें किसी भी समय कोई भी राहगीर गिर जाए तो अनहोनी घटना घटित होने से कोई नहीं रोक सकता है राहगीरों को गड्ढों में चलने के लिए मजबूर होना पड़ता हैं वहीं देखा जा रहा है कि वर्षो से इस सड़क की मरम्मतीकरण भी नहीं हुई है और ना ही गड्ढों में मिट्टी भरवाई गई है जिससे वाहन चालकों को मार्ग से गुजरने के लिए पूरी तरह से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण वहां से आने जाने वाले राहगीरों को हर समय दुर्घटना का भय सताए रहता है चरवा और भरवारी को मिलाकर रखने वाली एक यही सरल सड़क बताई जा रही है लेकिन फिर भी पी० डब्लयू० डी० विभाग का इस तरफ ध्यान ना देना एक चिंता का विषय है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जगह जगह में इन गड्ढ़ों के कारण कई बार राहगीर गिरकर चोटिल भी ही चुके हैं। इसी मार्ग में चरवा थाने के पास पूरी सड़क के बीच में नाली कि तरह बन गया है जिससे लोग अचानक गाड़ी को रोकने के प्रयास में अनियंत्रित होकर गिर जाते हैं, जिससे उन्हें चोटिल होना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर डिप्टी सीएम के गृह जनपद का यह हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों को क्या स्थिति होगी यह साफ साफ अंदाजा लगाया जा सकता है अब देखना यह है कि क्या विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट होता है या फिर सब हवा हवाई ही साबित हो जाएगा या फिर इसी तरह आने जाने वाले मुसाफिर गिरकर चोटिल होते रहेंगे। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते अगर यही हाल रहा तो किसी दिन बड़ा हादसा होने से टाला नहीं जा सकता है।

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